13 जून 2016

मथुरा बनेगा बाल श्रमिक मुक्त

( भोलेश्वर उपमन्यु द्वारा )
मथुरा।जनपद को बाल श्रमिक मुक्त बनाया जाएगा,ऐसा कहना था सहायक श्रमायुक्त एके सिंह का । जिस संस्थान में बाल श्रमिक पाए जाएंगे, उसके सेवायोजक को दंडित कराएंगे। कानून में ऐसे उद्यमियों को जेल भेजने का भी प्राविधान है।श्रम विभाग ने अंतर्राष्ट्रीय बाल श्रम निषेध दिवस पर एक एक स्कूल में जनजागरुकता संगोष्ठी का आयोजन किया। इसमें श्रम प्रवर्तन अधिकारी आरके सिंह ने कहा कि बाल श्रमिक रखने पर सेवायोजक के विरुद्ध 20,000 की क्षतिपूर्ति प्रति बाल श्रमिक की दर...
से भू-राजस्व की भांति वसूली जाती है। मुख्य न्यायिक मजिस्टे्रट दायर मामलों में दस हजार से बीस हजार तक अर्थ दण्ड या तीन महीने से लेकर एक साल तक की सजा दे सकते हैं। जिस सेवायोजक के यहां दुबारा बाल श्रमिक पाए जाते हैं उसे सीधे छह महीने से लेकर दो साल तक का कारावास देने का प्राविधान है। इसलिए बच्चों को बाल श्रमिक न रखें और अभिभावक उन्हें शिक्षित कराएं। श्रम प्रवर्तन अधिकारी जेपी शर्मा ने भवन निर्माण, ईट भट्टा काम करने वाले पंजीकृत श्रमिकों को सरकार द्वारा दी जाने वाली अनेक योजनाओं की जानकारी दी। मुख्य अतिथि रामभरोसे अग्रवाल ने कहा कि इंडस्ट्रियल एरिया साइट ए के किसी उद्योग में बाल श्रमिक नहीं हैं। इस अवसर पर श्रम प्रवर्तन अधिकारी आरके बाजपेयी ने छाता स्थित फैक्ट्री में कार्यक्रम आयोजित कर क्षेत्र को बाल श्रमिक रहित बनाने का संकल्प लिया।