12 सितंबर 2016

ब्रिक्स देशों में 3 बिलियन से अधिक की आबादी रहती है

 ( स्मार्ट सिटी विशाखापट्टनम )
नई दिल्ली।ब्रिक्स देशों में 3 बिलियन से अधिक की आबादी रहती है जो दुनिया की आबादी की 53.40 प्रतिशत है। इसी प्रकार, इन देशों का वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद में 23.10 प्रतिशत हिस्सा तथा चार महाद्वीपों से अधिक में फैले विश्व के भौगोलिक क्षेत्र में 26.70 प्रतिशत हिस्सा है।  ब्रिक्स देशों के मंत्री और विशेषज्ञ उभरते स्मार्ट सिटी विशाखापट्टनम, आंध्र प्रदेश में इसी सप्ताह बुधवार से शुरू हो रहे तीन दिवसीय कार्यक्रम में सदस्य देशों में शहरी संक्रमण और संबंधित चुनौतियों के बारे में विचार-विमर्श करेंगे। केंद्रीय शहरी विकास और आवास एवं शहरी गरीबी उपशमन मंत्री श्री एम. वेंकैया नायडू 14 सितम्बर, 2016 को ब्रिक्स देशों में शहरी संक्रमण पर इस तीन दिवसीय सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे। यह सम्मेलन शहरी क्षेत्र में सदस्य देशों में सहयोग को बढ़ावा देने के बारे में आयोजित किया जा रहा है।


आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री एन. चन्द्रबाबू नायडू अन्य ब्रिक्स देशों के मंत्रियों के अलावा अनेक शहरी योजनाकार विशेषज्ञ और शिक्षा क्षेत्र के सदस्य बड़ी संख्या में इस सम्मेलन में भाग लेंगे।

इस सम्मेलन में क्विटो एक्वाडोर में आयोजित किए जाने वाले आवास-III सम्मेलन में प्रस्तुत किए जाने वाले ब्रिक्स देशों (ब्राजील, रूस, चीन, भारत और दक्षिण अफ्रीका) के साझा एजेंडा को तैयार करने के बारे में विचार-विमर्श किया जाएगा। इस सम्मेलन में स्मार्ट शहरों का विकास, शहरी बुनियादी ढांचे का वित्तपोषण, समावेशी आवास, जलवायु परिवर्तन, क्षेत्रीय योजना, जल और स्वच्छता प्रबंधन तथा शहरी पुनर्जागरण के लिए नए सुधारों जैसे अन्य मुद्दों पर विचार-विमर्श किया जाएगा।

विशाखापत्तनम सम्मेलन का आयोजन जनता के लिए विभिन्न मुद्दों पर ब्रिक्स समूह के बीच सहयोग को बढ़ाने के लिए जो सरकार के प्रयासों के एक हिस्से के रूप में आयोजित किया जा रहा है। जिसके लिए देश भर में ऐसी नई बैठकों का आयोजन किया जा रहा है।

वर्तमान में भारत ब्रिक्स का अध्यक्ष है और उसने इस वर्ष 'उत्तरदायी समावेशी और सामूहिक समाधान के निर्माण' के विषय को चुना है। इस वर्ष ब्रिक्स शिखर सम्मेलन का अक्टूबर मास में  गोवा में आयोजन किया जाएगा।

सम्मेलन के लिए अपने संदेश में श्री एम. वेकैंया नायडू ने कहा कि ब्रिक्स देशों के बीच शहरीकरण पर सहयोग के अंतर्निहित ज्ञान को साझा करने, व्यापक आदान-प्रदान के लिए तंत्र विकसित करने और साक्ष्य आधारित नीति को बढ़ावा देने तथा शहरी संक्रमण पर सबक सीखने की जरूरत है।