उत्त्तर प्रदेश में दो कैबिनेट मंत्रियों की छुट्टी कर दी गई है। ये मंत्री हैं खनन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति और पंचायती राज मंत्री राजकिशोर सिंह। मुख्यमंत्री अलखिलेश यादव जैसे जैसे चुनाव आ रहे हैं खुद को भ्रष्टाचार के खिलाफ होने वाली अपनी इमेज जनता को दिखाना चाहते हैं। इन दोनों कैबिनेट मंत्रियों को भ्र्ष्टाचार के आरोप में मुख्यमंत्री ने बर्खास्त किया है। इन मंत्रियों को बाहर करने की प्रक्रिया इतनी तेज़ थी कि इस सम्बन्ध में राजभवन को आज ही पत्रावली भेज दी गई गयी थी। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने भी इस पर तत्काल अपनी मंजूरी दे दी। यहाँ तक कि इन मंत्रियों को अपने बचाव में कुछ कहने तक का मौका नहीं मिल सका। खनन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति पर अवैध खनन को बढ़ावा देने और भ्रष्टाचार के आरोप काफी समय से लगते रहे हैं लेकिन अखिलेश सरकार अब तक खामोश बैठी रही।उच्च न्यायालय ने प्रदेश में अवैध खनन को गम्भीरता से लेते हुए गत 28 जुलाई को प्रदेश में हुए अवैध खनन और इसमें शामिल सरकारी अधिकारियों की भूमिका की जांच सीबीआई से कराकर छह महीने के अंदर रिपोर्ट देने के निर्देश दिये थे।उधर पंचायती राज मंत्री राजकिशोर सिंह पर जमीनों पर कब्जे करने के आरोप हैं। राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) मूलचंद चौहान को खनन विभाग का और समाज कल्याण मंत्री रामगोविन्द चौधरी को पंचायती राज विभाग का अतिरिक्त भर सौंपा गया है।