लखनऊ। उत्तर प्रदेश की जनता कुछ भी सोचे किन्तु रात ही रात मुलायम सिंह ने ऐसा जादू चलाया जिससे सपा में फिर से उलटी गंगा बहना शुरू हो गई। अखिलेश यादव अपने चाचा शिवपाल यादव को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बनाने में सहमत से लगते हैं। लगता है मुलायम सिंह के कहने पर उनके पुत्र और भाई ने समझ लिया कि अब पारवारिक लड़ाई तत्काल स्टॉप करो नहीं तो अगले चुनाव में सत्ता हाथ से गई। इस बात पर गौर करें प्रदेश के खनन मंत्री गायत्री प्रजापति और एक अन्य मंत्री को भ्रष्टाचार के आरोप में12 सितंबर को बर्खास्त किया था उन्हें फिर से शपथ दिलाई जा रही है। भ्रष्टाचार के आरोपों वाले मंत्रियों को अपने चाचा को खुश करने के लिए फिर से बापिस लेने के बारे में अगले चुनावों में अखिलेश यादव वोटरों को क्या जबाब देंगे। खबरें हैं कि शिवपाल यादव को पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में एक और जिम्मेदारी मिल सकती है । उधर समाजवादी पार्टी की यूथ ब्रिगेड के ग्रुपों ने अपने नेताओं के पक्ष में आक्रामक प्रदर्शनों का आयोजन किया । पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव की अखिलेश यादव और शिवपाल यादव के साथ बातचीत की श्रृंखला जारी है। मुलायम सिंह राजनीति के जाने माने खिलाड़ी माने जाते हैं। उनकी बात न मानने का मतलब पार्टी के सब नेता जानते हैं। अब देखना है आगे क्या होता है। मुलायम सिंह परिवार के करीब 20 लोग राजनीति में बताए जाते हैं जिनमें उनका बेटा अखिलेश यादव मुख्यमंत्री,अखिलेश की बहु डिंपल लोकसभा सांसद, भाई शिवपाल मंत्री और प्रदेश अध्यक्ष और चचेरा भाई और भतीजे सांसद हैं।