18 सितंबर 2016

आतंकवाद दुनिया के लिए सबसे बड़ा खतरा - उपराष्ट्रपति अंसारी

आज अंतर्राष्ट्रीय शांति और राष्ट्रों की प्रभुसत्ता के समक्ष सबसे बड़ा खतरा आतंकवाद है कहा भारत के उपराष्ट्रपति एम.हामिद अंसारी ने। वह वेनेजुएला के मार्गारिटा द्वीप में 17वें गुटनिरपेक्ष सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।अंसारी ने कहा कि दुनिया में  विकास  के लिए शांतिपूर्ण वैश्विक वातावरण बनाना  अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि यह सहयोग सदस्य राष्ट्रों की सार्वभौम इच्छा के अनुरूप होना चाहिए। वे आज वेनेजुएला के मार्गारिटा द्वीप में 17वें गुटनिरपेक्ष सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर वेनुजुएला के राष्ट्रपति  निकोलन मादुरौ और ईरान के राष्ट्रपति  हसन रूहानी तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।


दुनिया में बढ़ते आतंकवाद पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि राजनीतिक लक्ष्य हासिल करने या नीतियों में बदलाव लाने के लिए निर्दोष नागरिकों की अंधाधुंध हत्याओं को किसी भी आधार पर उचित नहीं ठहराया जा सकता। उन्होंने यह भी कहा कि आतंकवाद मानवाधिकारों के उल्लंघन का सबसे खतरनाक माध्यम है। उन्होंने कहा कि यदि कोई राष्ट्र आतंकवाद को अपनी राज्य नीति के रूप में इस्तेमाल करता है तो यह स्पष्ट रूप से निंदनीय है।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि गुटनिरपेक्ष आंदोलन के लिए यह अनिवार्य है कि वह अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को आतंकवाद का खात्मा करने की दिशा में काम करने के लिए प्रेरित करें और आतंकवाद के बारे में संयुक्त राष्ट्र के व्यापक समझौते के प्रारूप का अनुमोदन करें। उन्होंने यह भी कहा कि सुरक्षा परिषद में तत्काल सुधारों की आवश्यकता है ताकि उसे 21वीं सदी के अनुकूल बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि हमें अपने आंदोलन के भीतर एक ऐसी व्यवस्था कायम करने की आवश्यकता है जो आतंकवाद से लड़ सके, क्योंकि सुरक्षा, सार्वभौमिकता और विकास के प्रति सबसे बड़ा खतरा आतंकवाद के कारण ही पैदा हुआ है।