27 मार्च 2018

रासायन उपयोग से शोधन मुक्‍त नमक ही ‘ स्‍वस्‍थ्‍य बर्धक’

--‘ प्‍योरो’  हैल्‍दी साल्‍ट आम भारतीयों को दिलवायेगा ‘ सोडा राख’  से छुटकारा
जनस्‍वास्‍थ्‍य के प्रति प्रतिबद्धता
आगरा: भरत में नमक का हमेशा बहुत महत्‍व रहा है किन्‍तु साथ ही उपयुक्‍त गुणवत्‍ता वाले इस खाद्य की उपलब्‍धता सीमित ही रही है, खासकर समुद्र  तटीय क्षेत्रों से दूरदराज के इलाकों में । एक समय नमक खाने का मतलब होता था धोखे से परे दोस्‍ती किन्‍तु वर्तमान में हालात बदले हुए है । नमक खाने वाले भले ही धोखा दें या नहीं किन्‍तु नमक खिलाने वालों में से अधिकांश धोखा दे रहे है वह भी अपने उन ग्राहकों को जो कि उन पर आंख मंद कर विश्‍वास करते हैं।लेकिन अब हालत बदल रहे है । बाजार में एक बार पुन: मानव स्‍वास्‍थ्‍य के अनुकूल प्राकृतिक गुणों से
भरपूर नमक ’ प्‍योरो ‘ हैल्‍दी साल्‍ट  उपलब्‍ध होने लगा है। यह शुद्ध खाद्य पदार्थों में व्‍यवसाय करने वाली  ‘प्‍यूरो विलनैस प्राईवेट लिमिटेड जो कि भारत की पहली क्‍लीन लेबिल कंपनी है का  उत्‍पाद है।

सबसे दिलचस्‍प तथ्‍य यह है कि बाजार में इसकी पहचान शुद्ध और प्राकृतिक गुणों से भरपूर ‘नमक ‘ के रूप में बन चुकी है।
नमक के नाम पर बिकता रहा है सोडा ‘राख  
 देश में उपलब्‍ध होने वाले नमक में से अधिकांश ‘ सोडा राख’  कारखानों का एक उत्‍पाद मात्र है। सोडा राख बनाने के लिये मुख्‍य रूप से समुद्र के पानी की जरूरत होती है। परिणाम स्‍वरूप एक उप उत्‍पाद तैयार होता है जिसे कि अत्‍यधिक अत्‍यधिक दबाव  व गर्मी के साथ ब्‍लीच किया जाता है। जिसकी वजह से प्राकृतिक रूप से मौजूद सभी मिनरल खत्‍म हो जाते हैं। इसके अतरिक्‍त यह कई प्रकार की अन्‍य प्रक्रियाओं से भी होकर गुजरता है। इसे एंटी केकिंग एजेंटस ' ई 536 से परिष्‍कृत भी किया जाता है।
हालिया अध्ययनों के अनुसार भारत में नमक सेवन की मात्रा  वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन की ओर से दैनिक सेवन के लिए निर्धारित की गई नमक की मात्रा अधिकतम 2000 मिलीग्राम (हर रोज़ 5 ग्राम नमक) सोडियम से दुगनी होने का अनुमान लगाया गया है। आवश्यकता से अधिक नमक के सेवन के कारण प्रत्येक वर्ष लगभग 6,00,000 मौत होने की संभावना है और इसका सीधा संबंध दिल का दौरा पड़ने और आघात से होने के कारण भारत में होने वाली मौतों का यह 5 वां सबसे प्रमुख कारण है। इसके अलावा अधिकांश भारतीय परिष्कृत नमक का सेवन करते हैं। जिसमें सोडियम की मात्रा (39 ग्राम/100 ग्राम) से अधिक होतो है और इसमें मिनरल्स भी नहीं होते हैं।  पारो हैल्‍दी साल्‍ट  शत प्रतिशत शुद्ध ,अपरिष्‍कृत नमक है। इसमें पुटशियम, आयोडीन, आइरन, कैल्‍षियम आदि मिनरल की मौजूदगी प्रकृतिक रूप से मौजूद रहती है। इसका सेवन मानव स्‍वास्‍थ्‍य के पूरी तरह से अनुकूल और डव्‍लू एच ओ मानकों के सर्वथा उपयुक्‍त है।

नमक उपचारित करने में रासायन घातक

 नमक को भारत में अक्‍सर स्‍वास्‍थ्‍य के लिये घातक के रूप में ही देखाजाना शुरू हो चुका है, इसके कारण उसका रासायनों का उपयोग कर उपचारित किया जाना, मिनरल रहित  और रंगहीन करने के लिये उपचारित करने की प्रक्रियायें शामिल होना है। जबकि नमक का दूसरा पक्ष में है जो उसे स्‍वास्‍थ्‍य परक बनाता है। जबकि रासायनों का उपयोग न कर प्राकृतिक रूप से शोधित नमक मिनरलों से भरपूर शरीर की जरूरतों को पूरा करने वाला  स्‍वस्‍थ्‍य बर्धाक होता है ।