-- जनधन की लूट रोकने को सरकारी काम काज में और अधिक पारदर्शिता लायी जाये
‘ लव
वर्सेज जेहाद’ पुस्तक का हुआ विमोचन, पटियाला यूनीवर्सटी के
प्रो डा कुलदीप सिंह ने किये व्यक्त विचार ।फोटो :असलम सलीमी
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आगरा: प्रख्यात पत्रकार सतीश जैकब ने कहा कि काम काज मे पारदर्शिता आज की अहम जरूरत है। डिजिटल टैक्नेलाजी के प्रचलन के बाद जब सरकार जनता के बारे में सबकुछ जानती है तो नागरिकों को भी हक है कि सरकार के बारे में वे अधिकतम जानें , वह अमृत विद्या एजूकेशन फार इममोर्टलिटी सोसायटी, आगरा, फाक लोर रिसर्च एकैडैमी अमृतसर एवं पाकिस्तान - इंडिया पीपुल्स फोरम फार पीस ऐंड डैमोक्रेसी, नई दिल्ली, के संयुक्त तत्वावधान में सैंटपीटर्स कॉलेज के कल्चरर हॉल में ‘ ट्रांसपैरेंसी इन मीडिया,गवमेंट , और सिविल सेासयटी’ विषय पर आयोजित पैनल डिस्कशन में मुख्य वक्ता
के रूप में बोल रहे थे।
उन्हों ने कहा कि संसद में क्या चल रहा है और व्यवस्थापिका ने कब क्या किया आम लोगो से जुडा हुआ है। जानकारियां सार्वजनिक होने से जबाबदेही बढती है और बेईमानी व मामानी पर अंकुल लगता है।
प्रख्यात पत्रकार विपुल पुरोहित ने कहा कि जनसूचना का अधिकार, ,विसिल विलोअर प्रोटैक्शन एक्ट और सोशल आडिट वे प्रभावशाली माध्यम हैं जिनके अधार पर सरकार की मनमानी और जानकारियां छुपाने पर अंकुश लगा सकते हैं।उनहों ने कहा कि लोकपाल बिल मनमोहन सिंह सरकार के समय में संसद में पारित हुआ था किन्तु मौजूदा सत्तारूढ गठबन्धन सरकार चार साल पूरे करलेने के बावजूद अब तक पूलागू नहीं कर सकी है।
पैनल डिस्कशन : पारदर्शिता बढाना जरूरी,सतीश जैकब।फोरम को
विपुल
मुदगल ने भी किया संबोध ।फोटो :असलम सलीमी
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पटियाला यूनिवर्स्टी के प्रौ. डा कुलदीप सिंह ने विश्व में शिक्षा के गिरते स्तर पर चिंता जतायी तथा कहा कि शिक्षा का व्यवसायी करण समाज के हित में नहीं है। उन्होंने कहा कि शिक्षा से संबधित उच्च पदो पर नियुक्ति करते समय योग्यता पर खास ध्यान रखाजाना चाहिये। वर्तमान में हो रही नियुक्तियो की स्थति पर चिता जताते हुए कहा इस प्रकार के कामों को रोकना सामायिक कदम होगा।
प्रख्यात इतिहास विद् डा आर सी शर्मा ने विषय प्रवृतन करते हुए कहा कि पारदर्शता जीवन की व्यवहारिकता से जुडा मुददा है वर्तमान मे तो यह मीडिया, सिविल सोसायटी और सरकार तीनो मे ही कम हो गयी है।
‘ लव वर्सेज जेहाद’
पैनल डिस्कशन के बाद ‘ लव वर्सेज जेहाद’ पुस्तक का भी विमोचन हुआ। यह पुस्तक उन दृष्टिकोणों और लेख के रूप में प्रस्तुत किये गये शोधपत्रों का पुस्तक के रूप में संग्रह है जिन पर आगरा में ही अक्टूबर 2015 में आगरा में ही आयोजित ‘थर्ड निर्मला देश पांडेय ‘स्मृति तीन दिवसीय सार्क कान्फेंस के दौरान चर्चा हुई थी। श्री रमेश यादव ने दो साल पूर्व की यादे ताजा करते हुए कहा कि देश विभाजन का दर्द पंजाब के लोगों में अब तक है ।इस अवसर पर
सैंटपीटर्स कॉलेज के प्रधाप्रंसिपल फदर पाल थानिकल, रानी सरोज गौरिहार, डा मधु
भारद्वाज, वत्सला प्रभाकर,डा अमी आधार निडर, भुवनेश श्रोत्रिय , रंजन शर्मा,वी के शर्मा, श्रीमती
भावना बरदान शर्मा, डा मधुरिमा शर्मा, अनिल शर्मा, एवं पार्षद डा शिरोमणी सिह आदि
नगर के प्रमुख प्रबुद्धजनों की की भी सहभागिता रही। कार्यक्रम का संचालन सिविल सोसायटी आगरा के सैकेट्री अनिल शर्मा ने किया। कई स्थानीय नागरिको को दो वर्ष पूव्र के आयोजन में रहे सहयोग के लिये सम्मानित भी किया गया।