-- ग्रीन फील्ड एवियेशन प्रोजेक्ट के लिये चिन्हित सभी जमीन नोटिफाइड ' ग्रीन वैल्ट'
जैबर में इंटरनेशनल हवाई अड्डा तो क्या हवाई पट्टी तक बनाया जाना एन सी आर रेगुलेशन के विरूद्ध है। यह कहना है एन सी आर को प्रभावी बनाये जाने को दशको से सक्रिय रहते आये नौयडा स्वतंत्रता संग्राम सेनानी परिवार के सार्वजनिक जीवन में सक्रिय श्री रघुराज सिंह का। जो कि नौयडा और गातियाबाद कोर्टों के वरिष्ठ अधिवक्ता ध्रुव गौतम के साथ आगरा में सिकन्दरा स्थित ' के एस रायल ' के किटी हाल में सिविल सोसायटी आगरा के तत्वावधान में आयोजित पत्रकार वार्ता
को संबोधित कर रहे थे।
प्रेस से चर्चारत एन सी आर एक्टविस्ट रघुराज सिंह, ध्रुव गौतम एड. अनिल शर्मा पार्षद डा शिरोमणी सिंह, एवं जर्नलिस्ट राजीव सक्सेना। फोटो:असलम सलीमी |
जैबर में इंटरनेशनल हवाई अड्डा तो क्या हवाई पट्टी तक बनाया जाना एन सी आर रेगुलेशन के विरूद्ध है। यह कहना है एन सी आर को प्रभावी बनाये जाने को दशको से सक्रिय रहते आये नौयडा स्वतंत्रता संग्राम सेनानी परिवार के सार्वजनिक जीवन में सक्रिय श्री रघुराज सिंह का। जो कि नौयडा और गातियाबाद कोर्टों के वरिष्ठ अधिवक्ता ध्रुव गौतम के साथ आगरा में सिकन्दरा स्थित ' के एस रायल ' के किटी हाल में सिविल सोसायटी आगरा के तत्वावधान में आयोजित पत्रकार वार्ता
उन्होंने कहा कि एन सी आर के तहत जो उ प्र के भाग का रीजनल प्लान है , उसमें जबर को हरित पट्टका व कृषि ,बागवानी आधारित कार्यों के लिये चिन्हित किया हुआ है । इस लिये यहां इंटरनेशनल हवाई अड्डा तो क्या हवाई पट्टी तक बनाया जाना एन सी आर रेगुलेशन के विरूद्ध है।
श्री सिंह जो कि सिकन्दरा स्थित होटल के एस रायल में पत्रकारों से वार्ता कर रहे थे ने कहा कि जैबर में जो कुछ चल रहा है उसको एन सी आर बोर्ड से कोयी स्वीकृति नहीं है और यह एन सी आर प्लानिंग बोर्ड एकट 1985 के चैप्टर 4 के 29 के तहत उल्लेखित 29 वे श्रल का स्पष्ट उल्लंघन है। इसे लेकर शुरू से ही मैने लगातर लिखापढी की है, राज्य सभा सदस्य श्री दिग्विजय सिंह की संस्तुति पर संसद की याचिका समिति (कोशियार कमेटी) को प्रतिविदन दिया किन्तु कमैटी इसके मर्म को सही प्रकार से आंकलित नीं कर सकी। इसके बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने जरूर अपने न्यायिक क्षेत्र में आने वाले मामलों जरूर कडा रुख अपनाया । किन्तु यू पी के भाग में पडने वाले रीजनल प्लान के विरुद्ध हो रहे कामों के लिये इलहाबाद हाईकोर्ट जाने की सलाह दी। वर्तमान में इलहाबाद हाईकोर्ट मे मामला विचाराधीन है । जिसमें सरकार एक ओर तो कंटैाम्प की स्थिति से बचने का प्रयास कर रही है, वहीं दूसरी ओर नये अव्हेलना प्रयास कर रही है।
दुखद हे कि सरकार को जहां रैग्युलेट्री आर्गनाईजेशनों को प्रभावी बनाने के लिये आगे आना चाहिये था वहीं उ प्र की योगी सरकार खुद कमजोर करने पर आमादा है।
श्री सिंह ने काह कि स्थिति का अंदाज इसी से लगाया जा सकता है कि स्व राजीव गांधी की सरकार के समय केन्द्र के द्वारा एन सी आर एक्ट का मकसद दिल्ली को आबादी के बढते दबाब से बचाने को उनक्षेत्रों में विकास और अवस्थापना सुविधाये विकासत करनी थी जहां से लोग दिल्ली पहुंच कर आबादी का घनत्व बढाते रहे हैं। किन्तु जेबर एयरपोर्ट प्रोजेक्ट अगर क्रियान्वत हो गया तो एन सी आर में आबादी का दबाब ही नहीं बढेगा अपितु तीस लाख आबादी का नया ग्रीन सिटी उस जमीन पर बसाडाला जायेगा जो केवल खेती और बागवानी जेसे पर्यावरणिया अनुकूलता वाले कामों के लिये ही चिन्हित है1
जहां तक जैबर में इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनाये जाने की बात है, इसकी जरूरत ही नहीं है। एन सी आर के इन्दिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट अभी काफी क्षमता है, टर्मनल 4 को बनाये जाने की स्वीकृति मिल चुकी है। टर्मिनल 1 व 2 की अवस्थापनाओं का उपयोग अब तक नहीं हो सका है।फिर इन्दिरागांधी एयरपोर्ट का नाम बार बार बीच में लाकर और उसकी क्षमता पूरी हो जाने की बात एक दम गलत और औचित्य हीन जैबर प्रोजेक्ट की जरूरत को स्थापित करने का प्रयास मात्र है।
पर्यावरण संरक्षण की लडाई मे
आगरा एन सी आर के साथ
आगरा नगर निगम के पार्षद एवं सिविल सोसायटी आगरा के अध्यक्ष डा शिरोमणी सिंह ने कहा कि आगरा की इंटरनेशनल एयर कनैक्टिविटी मांग ओर जरूरत टूरिजम इंडस्ट्रीज और एवियेशन मिनिस्ट्री से स्थापित है , इसी लिये हमने यहां के लिये ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट के रूप में ताज इंटरनेशनल एयरपोर्ट मांगा था। किन्तु इसमें उ प्र के एक बडे ब्यूरोक्रेट और केन्द्रीय मंत्री ने यथा संभव रोडे अटकाये। फलस्वरूप दीनदयाल उपाध्याय स्मृति एन्कलेव पर ही संतोश करने को विवश होना पडा है। जहां तक प्रदूषण की बता है एन सी आर में प्रदूषण की स्थिति अयंत गंभीरता के दौर में पहुंच चुकी है। प्रदूषण की रोकथाम और एन सी आर एक्ट के तहत आबादी को विक्रेन्द्रित करने की लडाई में हम श्री सिंह के साथ हैं।
ताजमहल के नाम पर किये जा
रहे छल पर था सख्त एतराज
सिविल सोसायटी के जनरल सैकेट्री अनिल शर्मा ने कहा कि आगरा प्रदूषण के विरुद्ध संघर्ष में श्री सिंह के साथ एक जुट है। हमारा मूल विरोध तो ताज इंटरनेशनल एयरपोर्ट को जैबर ले जाये जाने का था। अब इस इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्रोजेक्ट से कम से कम -ताजमहल ' का नाम तो ड्राप हो गया । अभी हमारी रिटे इलहाबाद हाईकोर्ट में विचाराधीन हैं ।सरकार जबाब देने से बच रही है, किन्तु देर सबेर सरकार को जबाब देना ही है ।विश्वास है कि इन रिटों के निस्तारण से जो भी परिणाम आयेंगे व आगरा की जनता और यहां के टूरिज्म ट्रेड की अपेक्षा के अनुरूप ही होंगे।
लुटियन जोन में ही क्यों नहीं बनाडलते इंटरनेशनल एयरपोर्ट
पत्रकार राजीव सक्सेना ने कहा कि अगर जरूरत है तो जैबर में ही नहीं लुटियन जोन के आसपास कही भी इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनाईये किन्तु जनता के पैसे से नहीं निजिक्षेत्र के निवेश्कों के पैसे से । केन्द्र सरकार और उ प्र के मुख्यमंत्री को जनता के पैसे के प्रति बेमुरब्त नहीं होना चाहिये । अगर जैबर के इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्रोजेक्ट में जरा सी भी मुनाफे का साबित होने की संभावना होती तो निजीक्षेत्र के तमाम निवेशक लखनऊ सचिवालय में हाजरी लगाने पहुंच रहे होते । किन्तु दभाग्य हे कि निहायत घाटे और भविष्य में 'एन पी आर' साबित होन जाने वाले इस प्रोजेक्ट में ग्रेटर नोयडा अथार्टी, नोयउा डव्लपमेंट अथार्टी तथा यमुना एकसप्रेस वे इंडस्ट्रियल डव्लपमेंट अथार्टी का धन लगवाया जा रहा है। सूरस्मारक मंडल के सैकेट्री भुवनेश श्रोत्रिय ने कहा है कि ताज ट्रिपेजियम जोन में केवल प्रदूषण रहित उद्योग ही खुल सकते हैं। जो केवल टूरिजम से जुडे हुए हैं।एयरपोर्ट इस इंडस्ट्री के लिये निहायत जरूरी है।