राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद |
नई दिल्ली - हमारी फिल्में उस विविधता का प्रतिनिधित्व करती हैं और उसमें योगदान भी देती हैं, जो भारत की सबसे बड़ी ताकत है कहा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने । अपनी कहानियों में हमारी फिल्में हमारी सभ्यता और हमारे साझा समुदाय के आदर्शों के प्रति सच्चा बने रहने के लिए हमें प्रेरित करती हैं। वे हमें शिक्षित करती हैं और हमारा मनोरंजन भी करती हैं। वे हमारे सामने सामाजिक चुनौतियों का एक प्रतिबिंब पेश करती हैं, जिनका हमें अभी भी सामना करना है। और वे ऐसा उस भाषा में करती हैं, जो सार्वभौमिक है। राष्ट्रपति 65वें राष्ट्रीय पुरस्कार के अवसर पर बोल रहे थे।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत में फिल्में भोजपुरी से लेकर तमिल, मराठी से लेकर मलयालम तथा अन्य कई विविध भाषाओं
में बनाई जाती हैं। फिर भी, सिनेमा अपने आप में एक भाषा है। हिंदी सिनेमा ने संभवत: किसी भी अन्य संस्थान की अपेक्षा देश भर में एक भाषा के रूप में हिंदी को लोकप्रिय बनाने में सबसे अधिक योगदान दिया है।
में बनाई जाती हैं। फिर भी, सिनेमा अपने आप में एक भाषा है। हिंदी सिनेमा ने संभवत: किसी भी अन्य संस्थान की अपेक्षा देश भर में एक भाषा के रूप में हिंदी को लोकप्रिय बनाने में सबसे अधिक योगदान दिया है।
राष्ट्रपति ने कहा कि सिनेमा संस्कृति है और इसके साथ ही सिनेमा वाणिज्य भी है। प्रत्येक वर्ष लगभग 1500 फिल्में बनाए जाने की बदौलत भारतीय फिल्म उद्योग की भी गिनती दुनिया के सबसे बड़े फिल्म उद्योगों में की जाती है। यह भारतीय सॉफ्ट पावर की एक अभिव्यक्ति है और इसने अनेक महाद्वीपों में अपनी विशिष्ट छवि बनाई है।