-- विधायक जगन प्रसाद गर्ग ने खर्च उठाने को दी सहमति
पालीवल पार्क
स्वकृष्ण दत्त पालीवाल के नाम पर है, वह उ प्र शासन में ग्रहमंत्री पद पर रहे थे और राजनेता के रूप में उनका विशिष्ठ स्थान था। राज्य सभा में भी उन्होंने प्रतिनिधित्व किया था।उन्होंने कहा कि अपने समय के बडे कद का राजनेता होने से कही अधिक उनकी विशिष्ठ पहचान एक प्रखर पत्रकार, के रूप में होती है। दैनिक सैनिक के वह संस्थापक संपादक थे और उनके द्वारा लिखे गये लेख व संपादकीय का जनता में व्यापक रूप से पठन पाठन होता था।
श्री गर्ग ने कहा है कि पार्क में प्रतिमा लगवाये जाने के साथ ही इसकी सुंदरता और हरियाली की संघनता के लिये जो भी लंबित या जरूरी होंगे करवाने का प्रयास करेंगे।
क्षेत्रीय विधायक की दिलचस्पी स्वागत योग्य
सुप्रीम कोर्ट मानीटरिंग कमेटी के सदस्य श्री रमन ने पालीवाल पार्क में पालीवाल जी की प्रतिमा स्थापना में विधायक गर्ग के द्वारा की गयी सहयोग पहल का स्वागत किया है और उम्मीद की है कि जल्दी ही उनका यह इरादा फलीभूत होगा।
उल्लेखनीय है कि पालीवाल पाक्र को बचाकर संरक्षित करने के लिये पालीवाल पार्क बचाओ समिति लम्बे समय से प्रयास रत रहती आयी है, समिति के मुख्य श्री संजीव चतुर्वेदी पार्क के कामों को लेकर कानूनी लडाईयां भी लडी हैं।
प्रशासनिक टीम के द्वारा किया जा चुका संयुक्त निरीक्षण
अपर जिला अधिकारी नगर( एडी एम सिटी) श्री के पी सिंह ने प्रतिमा के स्थल के चयन के लिये 24 अर्पेल को जोन्स पब्लिक लाब्रेरी में बैठक की तथा पार्क का निरीक्षण कर संबधित विभागीय अधिकारियों के साथ पार्क का निरीक्षण भी किया था। इस मीटिंग में आगरा विकास प्राधिकरण, नगर निगम तथा उद्यान विभाग के अधिकारी तथा नागरिक प्रतिनिधियों के तौर पर सुप्रीम कोर्ट मानीटरिंग कमेटी के सदस्य रमन, पालीवाल पार्क बचाओ समिति की ओर से संयोजक संजीव चतुर्वेदी व पत्रकार राजीव सक्सेना भी मौजूद थे।
' ग्रीनरी विद् वाइल्डरनेस'
उल्लेखनीय है कि पालीवाल जी को 'पालीवाल पार्क' अपनी हरियाली छटा के लिये बहुत पसंद था और अपने जीवन के व्यस्ततम दिनों में भी, जब वह आगरा में होते तब प्रात: भ्रमण को यहां जरूर आते थे। पालीवाल पार्क का नाम उस समय 'हीवेट पार्क' था और इसे यूनाइटिड प्रोविंस के लेफ्टीनेंट गर्वनर सर जॉहन्स प्रेसीकोट हीवेट के नाम पर रखा गया था। जो कि 1जनवरी से1907 से 12 सितम्बर 1912 तक यूनाइटिड प्रौविंस ( संयुक्त प्रांत ) के लैफ्टीनेंट गर्वनर रहे। हेविट हरियाली, वन्यजीवों औरप्राकृति के गहन जानकार थे और उन्होंनेे उत्तर भारत के जंगलो में रहे अपने अनुभ्वों और जानकारियों के आधार पर 'जंगल ट्रेल ' पुस्तक भी लिखी थी। वैसे पार्क की स्थापना मूल रूप से आगरा सिटी पार्क के नाम से हुई थी । जमीन को चौरस किये बना ही हरेभरे क्षेत्र में तब्दील करने का भारत में यह पहला प्रयोग था। इसके मूल प्लानर आगरा के गार्डन सुप्रिटैंडैंट एडविन एल्ड्रिन ग्रीसन थे ।
सिकंदरा राजवाह के पानी से इसे सींचने की व्यवस्था थी। पार्क को बनाये जाने की मूल थीम थी ' ग्रीनरी विद् वाइल्डरनेस' ।
विधायक जगन प्रसाद गर्ग से गर्ग 'ग्रीनरी विद् वाईल्डरनेस ' पर चर्चारत पत्रकार राजीव सक्सेना । फोटो: असलम सलीमी |
आगरा: पालीवाल पार्क में स्व कृष्णदत्त पालीवाल की प्रतिमा को लगाये जाने का कार्य शीघ्रता के साथ संपन्न होगा । विधायक जगन प्रसाद गर्ग ने इसके लिये जरूरी धन उपलब्ध करवाये जाने को अपनी सहमति देदी है। छैफट ऊंची यह प्रतिमा जनसहयोग से बनी हुई है, और स्थल चयन के बाद से स्टैंड आदि बनाये जाने को जरूरी धन की उपलब्धता होने के इंतजार में स्थापित नहीं हो पा रही थी।
विधायक गर्ग ने बताया कि प्रतिमा की स्थापना के लिये प्रशासन के द्वारा संबधित विभागों के संयुक्त सर्वेक्षण में जो स्थान चिन्हित है वहीं स्थापित होगी। वह एस्टीमेंट के अनुसार जरूरीधन राशि प्रशासन को उपलब्ध
करवा देंगे।पालीवाल जी राजनेता और पत्रकार दोनों ही रूपों में हैं प्रेरक |
स्वकृष्ण दत्त पालीवाल के नाम पर है, वह उ प्र शासन में ग्रहमंत्री पद पर रहे थे और राजनेता के रूप में उनका विशिष्ठ स्थान था। राज्य सभा में भी उन्होंने प्रतिनिधित्व किया था।उन्होंने कहा कि अपने समय के बडे कद का राजनेता होने से कही अधिक उनकी विशिष्ठ पहचान एक प्रखर पत्रकार, के रूप में होती है। दैनिक सैनिक के वह संस्थापक संपादक थे और उनके द्वारा लिखे गये लेख व संपादकीय का जनता में व्यापक रूप से पठन पाठन होता था।
श्री गर्ग ने कहा है कि पार्क में प्रतिमा लगवाये जाने के साथ ही इसकी सुंदरता और हरियाली की संघनता के लिये जो भी लंबित या जरूरी होंगे करवाने का प्रयास करेंगे।
क्षेत्रीय विधायक की दिलचस्पी स्वागत योग्य
सुप्रीम कोर्ट मानीटरिंग कमेटी के सदस्य श्री रमन ने पालीवाल पार्क में पालीवाल जी की प्रतिमा स्थापना में विधायक गर्ग के द्वारा की गयी सहयोग पहल का स्वागत किया है और उम्मीद की है कि जल्दी ही उनका यह इरादा फलीभूत होगा।
उल्लेखनीय है कि पालीवाल पाक्र को बचाकर संरक्षित करने के लिये पालीवाल पार्क बचाओ समिति लम्बे समय से प्रयास रत रहती आयी है, समिति के मुख्य श्री संजीव चतुर्वेदी पार्क के कामों को लेकर कानूनी लडाईयां भी लडी हैं।
प्रशासनिक टीम के द्वारा किया जा चुका संयुक्त निरीक्षण
अपर जिला अधिकारी नगर( एडी एम सिटी) श्री के पी सिंह ने प्रतिमा के स्थल के चयन के लिये 24 अर्पेल को जोन्स पब्लिक लाब्रेरी में बैठक की तथा पार्क का निरीक्षण कर संबधित विभागीय अधिकारियों के साथ पार्क का निरीक्षण भी किया था। इस मीटिंग में आगरा विकास प्राधिकरण, नगर निगम तथा उद्यान विभाग के अधिकारी तथा नागरिक प्रतिनिधियों के तौर पर सुप्रीम कोर्ट मानीटरिंग कमेटी के सदस्य रमन, पालीवाल पार्क बचाओ समिति की ओर से संयोजक संजीव चतुर्वेदी व पत्रकार राजीव सक्सेना भी मौजूद थे।
' ग्रीनरी विद् वाइल्डरनेस'
उल्लेखनीय है कि पालीवाल जी को 'पालीवाल पार्क' अपनी हरियाली छटा के लिये बहुत पसंद था और अपने जीवन के व्यस्ततम दिनों में भी, जब वह आगरा में होते तब प्रात: भ्रमण को यहां जरूर आते थे। पालीवाल पार्क का नाम उस समय 'हीवेट पार्क' था और इसे यूनाइटिड प्रोविंस के लेफ्टीनेंट गर्वनर सर जॉहन्स प्रेसीकोट हीवेट के नाम पर रखा गया था। जो कि 1जनवरी से1907 से 12 सितम्बर 1912 तक यूनाइटिड प्रौविंस ( संयुक्त प्रांत ) के लैफ्टीनेंट गर्वनर रहे। हेविट हरियाली, वन्यजीवों औरप्राकृति के गहन जानकार थे और उन्होंनेे उत्तर भारत के जंगलो में रहे अपने अनुभ्वों और जानकारियों के आधार पर 'जंगल ट्रेल ' पुस्तक भी लिखी थी। वैसे पार्क की स्थापना मूल रूप से आगरा सिटी पार्क के नाम से हुई थी । जमीन को चौरस किये बना ही हरेभरे क्षेत्र में तब्दील करने का भारत में यह पहला प्रयोग था। इसके मूल प्लानर आगरा के गार्डन सुप्रिटैंडैंट एडविन एल्ड्रिन ग्रीसन थे ।
सिकंदरा राजवाह के पानी से इसे सींचने की व्यवस्था थी। पार्क को बनाये जाने की मूल थीम थी ' ग्रीनरी विद् वाइल्डरनेस' ।