--जमीन में पेोंडों की जड को जकड कर रखने की क्षमता में आती जा रही कमी पर जताई चिंता
यमुना आरती की परंपरागत औपचारिकता के बाद उपस्थिति में से अधिकांश का मत था कि आगरा के गिरते जलस्तर के कारण जमीन अपनी पकड को कमजोर करती जा रही है। पानी और नमी से जहां रेगिस्तान ‘नखलिस्तान’ बन जाया करते हैं वहीं नमी के लगातर कम होते जाने से गुलजार उपवन रेगिस्तान में तब्दील हो जाया करते हैं1 दुर्भाग्य हे कि आगरा उजड रहा है ,जमीन अपनी नमी और पेडों की जड को पकड रखने की शक्ति खोती जा रही है।
'एत्मादौला रिवर व्यू ' पर हुई शोकसभा में तूफान की चपेट हुई
मौतों को दी श्ररद्धाजली । फोटो :असलम सलीमी |
आगरा : पर्यावरण विदों की आगरा की सबसे सशक्त चौपाल ‘ एत्मादौला रिवर व्यू पौइंट ‘ घाट पर शनिवार को गत दिवस आगरा व अन्य क्षेत्रों मे तूफान से मृत लोगों की आत्मा की शान्ति के लिए यमुना आरती स्थल पर एक शोक सभा आयोजित की गई । शोक सभा में दो मिनिट का मौन धारण कर मृत आत्माओं की शान्ति के लिए सभी धर्म के लोगों ने ईश्वर से प्रार्थना की ।शोक सभा में हाजी रमजान अली शाह ,नेशनल चैम्बर आफ इंडस्ट्रीज एंड कामर्स यू पी के पूर्व अध्यक्ष राजीव गुप्ता, बांके लाल महेश्वरी, रंजना शर्मा, सरदार दलजीत सिंह , बृज खंडेलवाल, राजन शर्मा ,डॉ के पी सिंह ,अशोक राठी ,पद्मनि अय्यर , ज्तोति खंडेलवाल ,
चौब सिंह सक्सेना , सोनवीर सिंह , अमित कोहली , ममता गोयल , सुनील जैन, विशाल झा, गौ स्वामी नन्दन श्रोत्रिय, दीपक राजपूत सहित अन्य लोग उपस्थित रहे ।यमुना आरती की परंपरागत औपचारिकता के बाद उपस्थिति में से अधिकांश का मत था कि आगरा के गिरते जलस्तर के कारण जमीन अपनी पकड को कमजोर करती जा रही है। पानी और नमी से जहां रेगिस्तान ‘नखलिस्तान’ बन जाया करते हैं वहीं नमी के लगातर कम होते जाने से गुलजार उपवन रेगिस्तान में तब्दील हो जाया करते हैं1 दुर्भाग्य हे कि आगरा उजड रहा है ,जमीन अपनी नमी और पेडों की जड को पकड रखने की शक्ति खोती जा रही है।