आनलाइन पूरी प्रक्रिया होगी, ट्रैकिंग से रुकावट करने वालों पर रखी जायेगी नजर
डा भीमराव अम्बेडकर वि वि के कुलपति डा अरविंद कुमार दीक्षित ने पत्रकारो की वार्ता , साथ में हैं डा गिरजा शंकर शर्मा। फोटो असलम सलीमी |
आगरा: डा भीम राव अम्बेडकर विश्वविद्यालय की विश्वसनीयता की कार्यशैली पर लगते रहे प्रश्न चिन्हों का सिलसिला अब थमने जा रहा है, आनलाइन आवेदन करने वाले छात्रों को 25दिन के भीतर विश्विद्यालय डिग्री उपलब्ध करवायेगा । यह कहना है विवि के कुलपति डा अरविंद कुमार दीक्षित का जो कि अपने कार्यकाल का डेढ साल पूरा होने पर खंदारी कैंपस स्थित गैस्ट हाऊस में पत्रकारों से वार्ता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कम्प्यूटर आधारित इस व्यवस्था के लिये 15आप्रेटर आऊट सोर्सिंग के आधार पर उपलब्ध किये गये हैं।
दो चरणों की इस व्यवस्था के तहत पहले चरण में डाक्यूमेट अपलोड
करवाने होंगे , इसके बाद , इसके बाद 25दिन के भीतर डिग्री जारी करने वाला दूसरा चरण शुरू हो जायेगा। ।यह ट्रेकिंग आधारित होगा और वीसी खुद भी इस पर नजर रखेंगे।
करवाने होंगे , इसके बाद , इसके बाद 25दिन के भीतर डिग्री जारी करने वाला दूसरा चरण शुरू हो जायेगा। ।यह ट्रेकिंग आधारित होगा और वीसी खुद भी इस पर नजर रखेंगे।
डा दीक्षित ने कहा कि वि वि के छात्रों को डिग्री उपलब्ध करवाने की व्यवस्था के साथ ही उनका डाटाबेस भी लिंक्ड करवाने का काम भी शुरू होने जा रहा है, जिससे वि वि के द्वारा जारी किये जाने वाले डौक्यूमेंटों की विश्वसनीयता सुनिश्चित हो जायेगी।
डा दीक्षित ने कहा कि अब सभी विद्यार्थियों का आनलाइन रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर दिया गया है,जिसके फलस्वरूप शुरू से ही उनका डाटाबेस बनना शुरू हो जायेगा तथा आगे बाद अब तक उठती रही समस्याओं में स्वत: ही काफी कमी आ जायेगी। इसी प्रकार वि वि की फीस व अन्य शुल्क भी वे आनलाइन जमा करवा सकेंगे। वि वि की वित्तीय स्थिति में सुधार का संकेत देते हुए कहा कि वर्ष 2017-18 में वि वि ने 180 करोड की एफ डी करवायी है, जिसके ब्याज से होने वाली आये से वि वि की गतविधियां बढेंगी। यह धन सैल्फ फाइनेंस वि़द्यालयों से अवशेष बकाये की प्राप्तियों के रूप में मिला था। उन्होंने कहा कि वि वि ने जी एस टी पाठ्यक्रम शुरू कर दिया है,यह एक सामायिक जरूरत को दृष्टिगत उठाया गया कदम है,जिसको व्यापक स्वीकारिता मिली है।
एक जानकारी मे बताया कि नेक मूल्यांकन में वि वि को 2.79 सी जी पी ए बी प्लस ग्रेड मिला है ।
वि वि के सामाजिक सरोकार
वीरांगना झलकारी बाई व शिवाजी महाराज की मूर्तियों को गोद लेकर उनके अनुरक्षण का कार्य, एक प्राईमरी विद्यालय का अंगीकरण, अनुसूचित जाति , जनजाति की बालिकाओं के लिये हॉस्टिल की व्यवस्था, ग्रह विज्ञान विभाग की ओर से स्वास्िय शिविरों का आयोजन, महिलाओं के लिये सखी परामर्ष स्थल का आयोजन, यूनिवर्स्टी मॉड्यूल स्कूल का उच्चीकरण कर इंटर कॉलेज की मान्यता। पूजा स्थलों से निकलने वाले फूलों से इत्र, अगर बत्ती, धूप बत्ती का निर्माण आदि कार्य।
दस साला एन्वारमैंट ऐंड प्लांटेशन प्लान
डा दीक्षित ने कहा कि वह अपने परिसरों में फारैस्ट विभाग के मानाकों के अनुसार हरित क्षेत्र विकसित करने का लक्ष्य लेकर सक्रिय है। इसके लिये विशेषज्ञ कमेटी गठित करके दस साल का प्लांटेशन प्लान इस प्रकार का तैयार करवा रहे हैं जिससे भविष्य में किसी भी निर्माण आदि के केलिये पेडों को काटे जाने की जरूरत न पडे। पालीवाल पाक्र में सुधार के लिये भी उन्हों ने वि वि के योगदान कार्यक्रम शुरू किये जाने की जानकारी दी। डा गिरजा शंकर शर्मा ,डा अजय शर्मा और डा उपेन्द्र शर्मा भी प्रेस वार्ता के दौरान मौजूद थे।
महापुरषों की स्मृतियों में आयोजन
वि विद्यालय ने महापुरुषों की स्मृति में बनी हुई अपनी पीठों को 'फंकश्नल ' करने की जरूरत को माना है, वी सी ने बातया कि बाबा साहिब डा भीमराव अम्बेडकर और स्व चौधरी चरण सिंह की पीठ के तहत उनकी जयंतियों पर बडे कार्यक्रम आयोजित किये गये। इसी प्रकार स्व. दीन दयाल उपाध्याय जी की स्मृति में भी एक कार्यक्रम उनकी जयंती पर आयोजित हुआ।
डा भीम रा अम्बेडकर वि वि में महाकवि सूरदास के नाम पर भी एक पीठ बनी हुई है, जो कि संभवत: वि वि की मौजूदा पीठो में सबसे पुरानी भी है। इसकी शुरूआत आगरा वि वि के पूर्व उपकुलपति डा अगम प्रसाद मथुर ने अपने दूसरे कार्यकाल के दौरान करवायी थी और बाद में पूर्व कुलपति डा गिरीश चन्द्र सक्सेना के कार्यकाल मे इससे बृजक्षेत्र की विभिन्न विधाओं को जोडने का प्रयास भी हुआ। अब अनेक वर्षों से यह नान फंक्शनल पडी हुई है। सूरदास जी आगरा ही नहीं डा भीमराव अम्बेडकर वि वि के कार्य एवं अधिकार क्षेत्र के तहत आने वाले समूचे बृज क्षेत्र की संस्कृति की सांस्कृतिक पहचान रहे हैं।