-- फरह विकास खंड के कई सीमांत गांवों का जलस्तर सुधारा, पशुपालको को मिली राहत
पं. दीन दयाल सरोवर (जोधपुर झाल) पर ग्रीष्म की तपन मे भी रमणीक
छटा का आंकलन करते डा अनुुुुराग शर्मा एवं जर्नलिस्ट राजीव सक्सेना |
आगरा: पर्याटक आकषर्ण केे स्थलों की सूची में भले ही उलटफेर कर दिया गया हो किन्तु मथुरा जनपद के फरह विकास खंड के जोधपुर गांव में स्थित पं. दीन दयाल सरोवर (जोधपुर झाल) अब एक हकीकत बन चुका है । बरबस ही अपनी ओर आकर्षित करने की क्षमता वाले इस जलाशय का निर्माण काफी मुश्किलों से पिछले साल ही हो सका था। 151 एकड में फैले 1.5 कि मी लम्बाई वाले इस नमक्ष्ेत्र(जलाशय) में ग्रीष्म काल में भी पक्षियों और वनचरों की रौनक है।
तमाम राजनीतिज्ञों से नाइत्तफाकी के बावजूद 'जलाधिकार फाऊंडेश ' के प्रयासों को मथुरा की सांसद श्रीमती हेमा मालिनी का समर्थन
रहा। उनकी केवल यही दिलचस्पी थी कि पंडित जी के गांव वाले अतिदोहित (डार्क) समतुल्य ब्लाक फरह में यह बनेगा और इसके जलाशय के कारण मथुरा के सीमांत क्षेत्र के गांवों के रसातल में समा चुके जलस्तर में सुधार होगा।
हुआ भी यही है, सरोवर बनने के बाद से अब तक आगरा नहर के सिकंदरा राजवाह के सरप्लस पानी से कीठम झील का पोषण होने के बाद बची गैर जरूरी जलराशि से हालांकि केवल तीन बार ही भरा जा सका है। किन्तु गांवों में भूजल स्त्रोतों पर इससे असर पडना शुरू कर दिया है। कोह गांव के एक पशुपालक ने बताया कि बोरिंगों ने इस बार गांव वालों को धोखा नहीं दिया। पानी का खारापन भी कम हुआ है। एक अन्य ग्रामीण ने बताया कि पानी की उपलब्धता के कारण अब पुशु पालन आसान हो गया है। गांवों में दुधारू पशुओं की संख्या तेजी के साथ बढी है। अब स्थिति यह है कि इस वैटलैंड को देखने के लिये तो लोगों का आना जाना दिन भर लगा ही रहता है इसके साथ ही पशुपालक भी अपने पशुओं को पानी पिलाने जलाशय तक लाते रहते हैं।
जलाधिकार फाऊंडेशन की आगरा इकाई के अध्यक्ष अनुराग शर्मा ने बताया कि यह जलसशय आगरा और मथुरा दोनों के लिये ही उपयोगी है। एक जानकारी मे कहा कि उन्हे नहीं लगता कि इस जलाशय को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की योजना को मथुरा जनपद से संबधित उ प्र पर्यटन विभाग की योजनाओं की सूची में से हटा दिया गया है। वस्तुस्थिति जानने के लिये शासन से संवाद करेंगे।
जलाधिकार फाऊंडेशन के नेशनल सैकेट्री अवधेश उपाध्याय ने कहा है कि वह प्रयास करेंगे कि पं दीन दयाल उपाध्याय सरोवर, बृज क्षेत्र का बडा आकर्षण बने। सरोवर में पूरे साल भरपूर पानी रहे तथा सूर सरेवर (कीठम झील) से भी इसकी कनैक्टविटी सुनिश्चित करने को ढाचागत जरूरतें पूरी करवायी जायें। उन्होंने कहा कि अगर जरूरी हुआ तो वह स्वयं शीघ्र ही प्रदेश की पर्यटन मंत्री सुश्री रीता बहुगुणा जोशी से मुलाकात करेंगे। आगरा बैराज के पूर्व अधिशासी अभियंता तत्सत शर्मा ने कहा कि पं दीन दयाल उपाध्याय सरोवर जलसंरक्षण का एक अभूतपूर्व प्रयोग है, जहां जहां भी संभव हो स्थानीय जरूरतों के अनुरूप संशोधन करके इस माड्यूल को अपनाया जाना चाहिये।
उल्लेखनीय है कि अधीक्षण अभियंता एन सी उपाध्याय का स्थानान्तरण हो जाने के बाद अधीक्षण अभियंता श्री श्रीवास्तव की आगरा में नियुक्ति हुई है। अपना पद भार ग्रहण करने के बाद विभागीय दौरे के कार्यक्रम के दौरान उन्होंने जोधपुर झाल का भी दौरा करने के दौरान ही उन्होंने जलाशय को नहरी पानी से भरने के आदेश दिया था।जलशय में पानी के पहुचने के साथ ही बडी संख्या में वन्य जीव और चिडियाओं की चहल कदमी वहां शुरू हो गयी।