--92 साल के हो चुके इस शिक्षा परिसर में शताब्दी वर्ष को ध्यान मे रखकर भी कुछ काम हों
वि विद्यालय पर चर्चारत लोकस्वर के अध्यक्ष राजीव गुप्ता |
आगरा: डा भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय ( पूर्व नाम आगरा विश्विद्यालय ) को उसकी पूर्व में रही ख्यति और विश्वसनियता पर हुई चर्चा के दौरान व्यापक सुधार संभावनाओं पर चर्चा करते हुए चैम्बर आफ इंडस्ट्रीज एंड कामर्स के पूर्व अध्यक्ष राजीव गुप्ता ने कहा वर्तमान मे जो कुछ हो रहा है, उससे और भी ज्यादा किये जाने की संभावनाये हैं। वे रविवार को यूनिवर्सिटी की स्थापना ने 92 साल का हो जाने पर संजय प्लेस स्थित होटल पी एल पैलिस में चर्चा कर रहे थे। पहले ये यूनिवर्सिटी काफी दूर तक क्षेत्र कवर करती थी अपितु काफी यूनिवर्सिटी की ये जन्मदाता
है। डॉ. भीमराव अम्बेडकर यूनिवर्सिटी मे देश-विदेश मे काफी नामी राज नेताओं को, अभिनेताओं को,इंजीनियर को, डॉक्टरों को, पत्रकारो व सफल व्यवसायों को जन्म दिया है,जो देश मे ही नहीं विदेशों मे भी अपनी इस यूनिवर्सिटी का परचम फहरा रहें हैं।
श्री गुप्ता ने कहा कि विश्विद्यालय में अनेक पीठें हैं, जिनमें डा अम्बेडकर पीठ व सूर पीठ खास महत्वपूर्ण हैं। सबसे पुरानी सूर पीठ पर तो वर्तमान में ताला ही गा हुआ है, उमीद की जानी चाहिये कि आठ साल बाद जब शताब्दी मनायी जायेगी तो इसकी पहचान में सूरपीठ भी होगी।
पत्रकार राजीव सक्सेना से चर्चा के दौरान यहां पढी व शोधकार्य कर राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त उन तमाम हस्तियों पर भी बात हुई जिन्हे विवि पूरी तरह से भुला चुका है। इनमे अंतराष्ट्रीय ख्याति के सोलर साइंटिस्ट स्व डा अरविंद भटनागर मुख्य है। इसी प्रकार सिनेक्षत्र के प्रख्यात प्रयोग धर्मी और पूना फिल्म इंस्टीट्यूट की ख्याति की कीर्ती को विश्व भर में स्थपित करने वाले स्व सतीश बाहदुर का नाम भी शामिल है। समीक्षा, फिल्म प्रदर्शन के बाद सीधा संवाद की परंपरा को फिल्म फैस्टेविल और प्रीमियर शो से जोडने वाले सतीश बहादुर, विश्विद्यालय के समाज विज्ञान संस्थान प्राध्यापकों मे रहे थे । आगरा में उन्होंने सिनेदर्शकों में बौद्धक वर्ग को जोडने के लिये आगरा फिल्म सोसायटी बनाने का अभूतपूर्व कामयाब प्रयोग किया था। बाद में उन्हीं के प्रयासों से भारत में नेशनल फिल्म आर्काइव बनाये जाने का काम शुरू हो सका।
श्री गुप्ता जो कि लोकजीवन और प्राकृति के संरक्षण को समर्पित संस्था 'लोक स्वर' के संस्थापक अध्यक्ष हैं ने कहा कि आगरा के इस आधार भूत शिक्षण संस्थान की बैहतरीनी के लिये वि वि प्रशासन के साथ नागरिकां को भी सोचना ओर योगदान देना चाहिये,बर्शत वि वि प्रशासन इसे मुनासिब समझे।