नई दिल्ली। इलेक्ट्रोनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने 3 जुलाई, 2018 को वॉट्सएप को अपने लिखित संदेश में वॉट्सएप मंच के माध्यम से फैलाये जा रहे भड़काऊ संदेशों के दुरूपयोग को रोकने के लिए शीघ्रता से कदम उठाने को कहा गया था। उसी दिन वॉट्सएप ने मंत्रालय को अपना जबाव देते हुए कहा कि इस तरह के संदेशों और झूठी खबरों को हटाने के लिए आवश्यक प्रयास बढ़़ाने की पहल कर दी गई है।
इसके बाद भी बिदर में एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटी, जिसमें एक 32 वर्षीय सॉफ्टवेयर इंजीनियर मोहम्मद आजम को वॉट्सएप पर बच्चों का अपहरण करने वाली वायरल हुई अफवाह के बाद मार दिया गया। ये खेदपूर्ण है कि वॉट्सएप पर इस तरह के बड़े पैमाने पर फैलाये जा रहे गैर जिम्मेदाराना और झूठे संदेशों के कारण देश में चुनौतियों की विशालता और अपराध बढ़ रहे है, किन्तु वॉट्सएप ने अपने मंच के दुरूपयोग से जुड़ी इस समस्या का अभी भी पर्याप्त रूप से समाधान नहीं निकाला है।
मीडिया की खबरों के मुताबिक आम जनमानस का मानना है कि वॉट्सएप को इस मामले में बहुत कुछ किये जाने की जरूरत है। कानून प्रवर्तन एजेंसियों के द्वारा नफरत और उत्तेजना फैलाने वाले संदेशों का पता लगाने के मामले में भी वॉट्सएप की जवाबदेही बनती है। जब अराजक तत्वों के द्वारा झूठी खबरों को प्रसारित किया जाता है, तो ऐसी खबरों के लिए माध्यम बनने वाले मंच अपनी जिम्मेदारी और उत्तरदायित्व से नहीं बच सकते। इसके बावजूद भी अगर वे मुखदर्शक बने रहते है, तो उन्हें अपराध में बराबर का सहयोगी होने पर कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।
उपर्युक्त विषयों के संदर्भ वॉट्सएप से ऐसे संदेशों को रोकने के लिए और अधिक प्रभावी समाधान तलाशने के लिए आज अनुरोध किया गया है, जिससे झूठी खबरों की पहचान करने और इन्हें आगे बढ़ाने वाले लोगों के प्रति कार्रवाई में कानून को लागू और उत्तरदायित्व को तय किया जा सके। वॉट्सएप को यह भी संदेश दिया गया है कि यह एक बेहद गंभीर मुद्दा है, जिस पर अत्यधिक संवदेनशील प्रतिक्रिया की आवश्यकता है।