-- स्मार्ट सिटी के प्राजेक्टो की पार्षदों और मेयर को भी दी जायें सतत जानकारियां:आगरा सिविल सोसायटी
सिविल सोसायटी की प्रेस वार्ता पत्रकारों को संबोधित करते हुए श्री अभिनय प्रसाद , रमन,जनरल सैैैैकैट्री अनिल शर्मा और अध्यक्षडा शिरोमणी सिंह। फोटो:असलम सलीमी |
आगरा: एक ओर सुप्रीम कोर्ट आगरा के कामधंधों के विस्तार तक पर पर्यावरण संरक्षण को लेकर चिंतित है और उ प्र सरकार के विरुद्ध कडी टिप्पणियां कर रहा हे, वहीं दूसरी ओर ताजमहल के पूर्वीगेट नाले के बडे भाग को कंक्रीट कवर से पाटने का करनामा अंजाम दिया जाने वाला है। यह कहना है सिविल सोसाइटी आगरा का। सोसायटी के सदस्य एवें प्रख्यात सोशल साइंटिस्ट अभिनय प्रसाद एडवोकेट ने होटल के एस रॉयल में पत्रकारों को संबोधित करते हुए
कहा कि आगरा स्मार्ट सिटी लिमिटिड कंपनी यह काम 'नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ' द्वारा साऊथ दिल्ली की बररापुला ड्रेन कवर न करने को दिये आदेश के बावजूद कर रही है। एन जी टी की प्रसिपल ब्रांच नई दिल्ली के द्वारा अपने समक्ष विचाराधीन वाद (MA no 877 वर्ष 2013) में दिये आदेश में स्पष्ट किया हुआ है कि जिन नालों में से होकर वर्षा का पानी नदी मे जाता है उन्हें कवर्ड नहीं किया जा सकता।
कहा कि आगरा स्मार्ट सिटी लिमिटिड कंपनी यह काम 'नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ' द्वारा साऊथ दिल्ली की बररापुला ड्रेन कवर न करने को दिये आदेश के बावजूद कर रही है। एन जी टी की प्रसिपल ब्रांच नई दिल्ली के द्वारा अपने समक्ष विचाराधीन वाद (MA no 877 वर्ष 2013) में दिये आदेश में स्पष्ट किया हुआ है कि जिन नालों में से होकर वर्षा का पानी नदी मे जाता है उन्हें कवर्ड नहीं किया जा सकता।
नाला कवर्ड किये जाने की प्रक्रिया का पर्यावरण क्या प्रभाव पडेगा इसका अध्ययन किया जाना जरूरी है। नाले को महज इस कारण कवर किया जाना जनधन का दुरोपयोग हे कि उसमें सीवर या अन्य गंदगी भी समाती है। नाले के किनारे की बसावटों में सीवर सिस्टम की व्यवस्था को सुध्रढ तथा प्रभावी किया जाना चाहिये। इसके लिये संपवैल और सीवरेज ट्रीमेंट प्लांटों का भी सहारा लिया जा सकता था। एन जी टी ने तो बरसाती नाले को भूमिगत करने से बचने के लिये नाले के कैचमेंट एरिया की बसावटों के सीवर सिस्टम और कचरा डिस्पोजल को प्रभावी बनाना होगा।
श्री प्रसाद ने कहा कि यह ठीक है कि पूर्वीगेट नाला क्षेत्र में जब तब दुर्गंण का करण साबित होता रहा है, किन्तु इसकी बजह नाले में सीवर को बहाना और कचडा डालना है। अगर जलनिगम ने जरा सी सावधानी से काम किया होता तो यह स्थिति नहीं बनती। कष्टकारी यह हे कि अब आगरा स्मार्ट सिटी लि. भी जिम्मेदारी से बचने के लिये गैर जिम्मेदाराना और एन जी टी के आदेश के विरूद्ध कार्रवाही कर रही है। सोसायटी इसका पुरजोर विरोध करेगी और जरूरी हुआ तो कानूनी लडाई भी शुरू करेगी।
सोसायटी के अध्यक्ष श्रोमणी सिंह ने कहा कि स्मार्ट सिटी लिमिटेड का दफ्तर जरूर नगर निगम में है किन्तु यह निगम के प्रति अपनी जबबाब देही बिल्कुल नहीं समझती है। उन्होंने कहा कि कितना कष्टकारी है कि नगर निगम के प्रतिनिधि के तौर पर नगरायुक्त कंपनी के बोर्ड की बैठक में अनिवार्य रूप से उपस्थत रहते हैं किन्तु स्मार्ट सीटी लि की ओर से नगर निगम सदन को कोयी जानकारी नहीं दी जाती। उन्हों ने कहा कि उनकी मांग हे कि कपनी अपनी प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डी पी आर) फाईनेंशियल प्रोफाइल निगम सदन मे तत्काल पेश करे।
सोसायटी के जनरल सैकेट्री अनिल शर्मा का कहना हे कि संविधान के 74वं संशोधन के विरूद्ध कोयी काम स्वीकार्य किया जाना महानगर के आर्थिक, सामाजिक ताना बाने के विरूद्ध होगा। हम चाहते हैं कि 2000करोड के इस प्रोजेक्ट पहले जनता के सामने लाया जाये फिर उस पर कार्रवाही हो। वैसे उपयुक्त तो यही होगा कि महानगर की नियति नगर निगम पार्षदो और मेयर को ही तय करनी दी जाये। श्री शर्मा ने कहा कि वह चाहेंगे कि नगर निगम सदन का एक विशेष अधिवेशन ही स्मार्ट सिटी आगरा' विषय आहूत होना चाहिये।
सुप्रीम कोर्ट मानीटरिंग कमैटी के सदस्य श्री रमन ने कहा कि स्मार्ट सिटी लि. के कामकाज को लेकर कुछ कहना में समय अनुरूप नहीं है। उन्होने कहा कि नाले के कैचमैंट एरिया की बसावट क्षेत्र के सीवर डिसचार्ज और डिस्पोजल के अनुरूप व्यवस्थाये प्रभावी की जायें।
श्री रमन ने कहा कि शासन स्तर पर आगरा का मास्टर प्लान एक बार फिर से अपडेट कर दिया जाना चाहिये । उन्होंने कहा कि अगर शासन समय रहते मास्टर प्लान संशोधित करता रहता तथा ताज ट्रिपेजियम जोन की योजनाओं के क्रियान्वयन को अवस्थापना तंत्र बन गया होता तो स्मार्ट सिटी जैसी व्यवस्था की आगरा को जरूरत ही नहीं रहती।