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' 'प्यार करते रहो....' : सुधीर नारायण |
- ताज महोत्सव -2018 के समापन कार्यक्रम के दौरान घटी थी घटना
(असलम सलीमी)आगरा: प्रख्यात गजलकार सुधीर नारायण से मुम्बई के गायक पलाश ने माफी मांगी है, उन्होंने श्री नारायण के साथ अभद्रता की थी। ताज महोत्सव आयोजन समिति ने ताज महोत्सव -2018 को महोत्सव की समाप्ति के अवसर पर 27 फरवरी आयोजित कार्यक्रम में कि अपनी मां के साथ र्दुव्यवहार का आरोप लगाकर हंगामा किया था । ने अप्रत्याशित रूप से किया था। यही नहीं उनकी बहन पलक जो कि बतौर आर्टिस्ट मंच पर थी, कार्यक्रम बीच में छोड कर मंच से चली गयी थी।
यही नहीं घटना के तत्काल बाद(असलम सलीमी)आगरा: प्रख्यात गजलकार सुधीर नारायण से मुम्बई के गायक पलाश ने माफी मांगी है, उन्होंने श्री नारायण के साथ अभद्रता की थी। ताज महोत्सव आयोजन समिति ने ताज महोत्सव -2018 को महोत्सव की समाप्ति के अवसर पर 27 फरवरी आयोजित कार्यक्रम में कि अपनी मां के साथ र्दुव्यवहार का आरोप लगाकर हंगामा किया था । ने अप्रत्याशित रूप से किया था। यही नहीं उनकी बहन पलक जो कि बतौर आर्टिस्ट मंच पर थी, कार्यक्रम बीच में छोड कर मंच से चली गयी थी।
प्रकरण की ताज महोत्वस कमेटी ने जांच की तथा श्री सुधीर नारायण के प्रति लगाये गये सभी आरोप गलत पाये। गायक पलक,
पलक और पलाश: बेटे के समान हूं 'सम्मान करता हूं ' |
' ताज महोत्सव में प्रस्तुति के दौरान भूलवश मेरेे व्यवहार से आपके मान सम्मान को जो को जो ठेस पहुंची है या दुख हुआ उसके लिये मैं आपसे क्षमा मांगता हूं। मुझे बेटे के समान समझते हुए माफ करने की कृपा करें। लिखित माफी नामा मिलने के बाद गजल गायक श्री सुधीर कुमार ने इंस्पैक्र ताजगंज को पत्र दिया है। इंस्पैक्टर ताजगंज विनोद कुमार पायल का कहना है कि गजल गायक सुधीर नारायन का पत्र उन्हे मिल गया है।विधिक राय लेकर पुलिस आगे की कार्रवाही करेगी।
विनम्रता और गारिमा हमारी मंच परंपरा: सुधीर नारायण
सुधीर नारायण |
श्री सुधर नारायण ने 'आगरा समाचार ' को एक जानकारी में बताया कि वह एक कलाकार हैं , अपने आत्मसम्मान के प्रति ही सजग रहने के साथ ही हर छोटे बडे का सम्मान व लिहाज करते हैं। ताज महोत्सव के दौरान घटी इस घटना को लेकर उन्हे भारी वेदन रही, अब जब इस संबध में पलाश को खुद अपनी गलती का अहसास हो गया है तो उनके पास कहने को क्या रह जाता है। हां बस इतना जरूर अपेक्षा करते हैं कि विनम्र व्यवहार और दूसरों का सम्मान कला क्षेत्र की परंपरा है। इसे मजबूत करना चाहिये ।