लखनऊ एयरपोर्ट |
केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने सार्वजनिक निजी भागीदारी के माध्यम से छह हवाई अड्डों, अहमदाबाद, जयपुर, लखनऊ, गुवाहाटी, तिरुवनंतपुरम और मंगलुरु को लीज पर देने के लिए अपनी मंजूरी देदी है।
बुनियादी ढांचा परियोजनओँ में पीपीपी से सार्वजनिक क्षेत्र में आवश्यक निवेशों को जुटाने के अलावा सेवा आपूर्ति, विशेषज्ञता, उद्यमता और व्यावसायिक कौशल में दक्षता आती है।
हैदराबाद और बेंगलुरु में ग्रीन फील्ड हवाई अड्डों के विकास के लिए पीपीपी मॉड्ल से बुनियादी ढांचा परियोजना में हवाई अड्डों पर विश्व श्रेणी का बुनियादी ढांचा जुटाने, हवाई अड्डे पर आने वाले यात्रियों को कुशल और समयबद्ध सेवाओं की आपूर्ति करने और बिना किसी निवेश के भारतीय विमान प्राधिकरण की राजस्व प्राप्ति को बढ़ाने में मदद मिली है। वर्तमान में पीपीपी मॉड्ल के तहत प्रबंध किए जा रहे हवाई अड्डों में दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, हैदराबाद और कोच्चि शामिल हैं।
भारत में पीपीपी हवाई अड्डों ने हवाई अड्डा सेवा गुणवत्ता (एएसक्यू) के रूप में हवाई अड्डा अंतर्राष्ट्रीय परिषद (एसीआई) द्वारा अपनी संबंधित श्रेणियों में शीर्ष पांच हवाई अड्डों में रैंक हासिल की है।
इन पीपीपी अनुभवों ने विश्व स्तर के हवाई अड्डों का सृजन करने में मदद की है। इसने देश के अन्य भागों में हवाई अड्डों के विकास और एयर नेवीगेशन बुनियादी ढांचे पर ध्यान केंद्रित करके राजस्व में बढ़ोत्तरी करने में भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण की मदद भी की है।
घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय हवाई यात्रा में बढ़ोतरी के साथ-साथ अधिकांश हवाई अड्डों पर भारी भीड़ तथा एक दशक से अधिक समय पूर्व निजीकरण किए गए पांच हवाई अड्डों पर मजबूत यातायात वृद्धि ने अनेक अंतर्राष्ट्रीय परिचालकों और निवेशकों का ध्यान इस ओर आकर्षित किया है। अंतर्राष्ट्रीय दिलचस्पी के रूप में बुनियादी ढांचा क्षेत्रों में हवाई अड्डा क्षेत्र एक शीर्ष प्रतियोगी क्षेत्र है। अंतर्राष्ट्रीय परिषद और निवेशक तीन-चार मिलियन यात्री से अधिक क्षमता वाले ब्राउन फील्ड हवाई अड्डों के विस्तार में गहरी दिलचस्पी रखते हैं। हवाई अड्डा क्षेत्र पीपीपी मॉड्ल को अपनाने से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) आकर्षित करने का तुरंत अवसर उपलब्ध करा सकता है।