( आगरा का परम्परागत इनले वर्क ) |
आगरा - 1992 में शुरू हुआ ताजमहोत्सव 28 वीं बार 18 फरवरी से 27 फरवरी तक चलेगा। इसबार देश के विभिन्न भागों से आये 325 प्रसिद्ध शिल्पारी अपनी कला तथा उत्कृष्ट कार्य को प्रदर्शित करेंगे। इस बार महोत्सव का थीम परंपरा चुना गया है। ताजमहोत्सव में तमिलनाडु से लकड़ी तथा पत्थर पर नक्काशी, पूर्वोत्तर भारत से बांस और बेंत का काम, दक्षिण भारत और जम्मू-कश्मीर से पेपर माशी का काम, आगरा से संगमरमर और ज़रदोज़ी का काम, सहारनपुर से लकड़ी की नक्काशी, मुरादाबाद से पीतल की की कला , भदोही से हाथ से बने कालीन, खुर्जा से मिट्टी के बर्तन, लखनऊ से चिकिन का काम, बनारस से रेशम और जरी का काम, कश्मीर गुजरात से शॉल और कालीन और फर्रुखाबाद से हाथ की छपाई आदि लोगों को इसबार देखने को मिलेगी।