19 मई 2019

आगरा वालों को गर्व : डा के एस राणा वी सी पद का आधा वेतन छात्र कल्याण के लि‍ये दान देंगें

सत्र नि‍यमन,  परीक्षा और परि‍णाम समय से घोषि‍त करना करना मेरे लक्ष्‍य

कुमाऊं वि‍श्‍व वि‍द्यालय के उपकुलपति‍
 डा के एस राण,फोटो:असलम सलीमी
 आगरा:कुमांऊं मंडल के वि‍श्‍व वि‍द्यालय के उपकुलपति‍ डा के एस राण ने कहा है कि‍ शि‍क्षण सत्र को नि‍यमन करना और शि‍क्षा के स्‍तर में यथा संभव गुणवत्‍ता लाकर उसे राष्‍ट्रीयस्‍ तर पर स्‍थापि‍त यू जी सी के  मानकों के अनुरूप करना उनके स्‍व-संकल्‍पि‍त लक्ष्‍य हैं । उन्‍होंने हाल ही में विश्वविद्यालय  के उपकुलपति‍ पद का कार्यभार ग्रहण कि‍या है। 
डा राणा जो कि‍ 'आगरा समाचार ' से औपचारि‍क चर्चा कर रहे थे, ने कहा कि‍ स्‍टूडैंट की सबसे बडी अपेक्षा परीक्षायें समय से करवाये जाने को लेकर  रहती है, और इसी को ध्‍यान में रखकर पदभार ग्रहण करते ही परीक्षा कार्यक्रम घोषि‍‍त करवा दि‍ये अपि‍तु इसके लि‍ये जरूरी इंतजम भी सुनि‍श्‍चि‍त करवाये।
डा राण ने कहा कि‍ एडमीशन, शि‍क्षण कार्य , परीक्षा और परि‍णामों की घोषणा वि‍ वि‍ के आधारभूत दायि‍त्‍व होते हैं और इन्‍हें लेकर वह कोयी भी कोताही नहीं बरतने देंगे। उन्‍होंने कहा कि‍ मगध वि‍ वि‍ सहि‍त दो व वि‍द्यालयों के उपकुलपति‍ पद का कार्यभार पूर्व में वह संभाल चुके हैं ,हर जगह के...

कुमाऊं वि‍ वि‍ का  नैनीताल कैंपस 
अलग अलग तजुर्बे होना लाजमी है कि‍न्‍तु कुमायू वि‍ वि‍ में एक फर्क्र अनुभव भी रहा,मसलन यहां काम काज अपेक्षाकृत कहीं अधि‍क ढर्रे पर लगा , कार्य के प्रति‍ कर्मचारि‍यों में नि‍ष्‍ठा है, उनमें ललक है कि‍ पहाड़  के युवा शि‍क्षत हों ।
डा राणा ने कहा कि‍ उन्‍होंने दाखि‍लों की अर्जी से लेकर उनके नि‍स्‍तारण की पूरी प्रक्रि‍या पारदर्शि‍ता मय बनाये जाने का नि‍र्देश दि‍या है।
उपकुलपति‍ ने कहा कि‍ कुमाऊं वि‍ वि‍ की सबसे बडी वि‍शेषता वहां  आदर्श पर्यावरण स्‍थि‍ति‍ का होना है, चूंकि‍ वह स्‍वयं पर्यावरण के प्रति‍ अपने छात्रजीवन से ही अति‍ संवेदनशील रहे हैं, इस लि‍ये चाहेंगे कि‍  की नैसर्गिक वि‍रासत और समरद्ध कुमाऊंनी सस्‍कृति‍ और समृद्ध हो और वि‍ वि‍ इन कामों के लि‍ये सक्रि‍य योगदान दे।
डा राणा ने कहा कि‍ राष्‍ट्रीय नेता स्‍व गोवि‍न्‍द बल्‍लभ पंत पहाड की सादगी , यहां के लोगों की वैचारि‍क परि‍पक्‍वता का प्रतीक और आदर्श माने जाते हैं , अपने कार्यकाल की शुरूआत उनका स्‍मरण करने के साथ की तथा वि‍ वि‍द्यालय की ओर से उनके नाम का एक पुरुस्‍कार भी घोषि‍त कि‍या है।‍   
डा राणा ने कहा कि‍ वि‍ वि‍  सरकार के पचास तथा 150 नि‍जि‍ महावि‍द्यालय सम्‍बद्ध हैं। सरकारी कॉलेजों में स्‍टाफ की कमी ही मुख्‍य समस्‍या है, जि‍से कि‍ यथा संभव दूर करवाने का प्रयास करेंगे। जबकि‍ नि‍जि‍ प्रबंधन के स्‍ववि‍त्‍त पोषि‍त महावि‍द्यालयों में फैकल्टी   की कमी के साथ ही ढाचागत सुवि‍धाओं मे भी काफी कमी है। इन वि‍द्यालयों के प्रबंधन की इसे पूरा करने की जि‍म्‍ममेदारी है,जि‍सके लि‍ये वह इंस्‍पैक्‍शन और वैरीफि‍केशन के माध्‍यम से दबाब बनाकर दूर करवायेंगे। उन्‍होंने कहा कि‍ भारत सरकार की नि‍जि‍ प्रबंधन के स्‍कूलों की सहयता के लि‍ये भी एक योजना शुरू हुई है, कोशि‍श होगी कि‍ वि‍ वि‍ के सम्‍बद्ध महावि‍द्यालयों को भी इसका लाभ मि‍ल सके। 
डा राणा ने कहा कि‍ वि‍ वि‍ प्रशासन के माध्‍यम से वह यह भी सुनि‍श्‍चि‍त करवायेंगे कि‍ छात्रों से सम्‍बन्‍धि‍त सरकार की वि‍भि‍न्‍न योजनाओं का भरपूर लाभ  मि‍ले । उन्‍होंने कहा कि‍ शि‍क्षा ग्रहण करने में सामान्‍य परि‍वारों के लि‍ये भी वि‍द्यमान आर्थि‍क चुनौति‍यों की स्‍थि‍ति‍ को वह भलीभंति‍ समझते है। इसी के फलस्‍वरूप उन्‍होंने वि‍ वि‍ के उपकुलपति‍ के रूप में मि‍लने वाले वेतन का आधा भाग वि‍ वि‍ के उन छात्रों के लि‍ये देने का नि‍श्‍चय कि‍या है जो कि‍ शि‍क्षा पूरी करने में आर्थि‍क मुश्‍कि‍लों का सामाना करते हैं। उन्‍होंने उम्‍मीद जतायी है कि‍ उनकी इस  छोटी सी पहल को शि‍क्षा के प्रति‍ उदारमानाओं का भरपूर समर्थन और योगदान मि‍लेगा जि‍ससे वि‍ वि‍ के छात्रों के लि‍ये बडा कोष भी संभव हो सकेगा। 
एक जानकारी में डा राणा ने कहा कि‍ कुलाधि‍पति‍ श्रीमती बेबी रानी मौर्य से उनकी शि‍ष्‍टाचार मुलाकात हुई थी। उन्‍हें संतोश है कि‍ उपकुलपति‍ के रूप मे जो लक्ष्‍य उनके हैं ,लगभग वही अपेक्षायें उनसे महामहि‍म राज्‍यपाल महोदया की हैं।