ट्रेफिक में खोये लोगों के अरबों उत्पादक घंटे बचेंगे खोने से
( राजीव सक्सेना द्वारा )
आगरा। ताज सिटी के निवासिओं को पांच वर्ष के भीतर पर्यावरण के अनुकूल मेट्रो रेल चलने से ट्रैफिक जैम से छुट्टी मिल सकेगी। वे अपने कामों जाते समय कारों ,स्कूटर , मोटर साइकिल आदि के जहरीले उत्सर्जन से स्वयं को सुरक्षित रख सकेंगे। सार्वजनिक परिवहन प्रणाली में मेट्रो रेल निस्संदेह एक ऐतिहासिक नई खोज है। यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी कि मेट्रो रेल ने शहरी गतिशीलता की जरूरतों को पूरा करने के तरीके को पूरी तरह से बदल दिया है। मेट्रो वाले शहरों में देखा गया है कि दैनिक यात्री कम संख्या में वाहनों का उपयोग करते हैं। लोग इसे पर्यावरण के अनुकूल, यातायात
की भीड़ कम, सुरक्षित आवागमन...,शेयर में अधिक बाहिचारे के वातावरण वाला ट्रांसपोर्ट माध्यम मानते हैं। पारंपरिक साधन कारें ,स्कूटर , मोटर साइकिल,बसें आदि केवल सीमित क्षमता वाले हैं तथा वे प्रदूषण और कभी न खत्म होने वाले ट्रैफिक संकट में भी अपना लगातार योगदान बढ़ाते जा रहे हैं। ट्रैफ़िक में मारे गए लोगों के साथ साथ , हर साल लोगों के अरबों उत्पादक घंटे ट्रेफिक में ही खो जाते हैं। वाहनों द्वारा जारी किए गए उत्सर्जन पर्यावरण के लिए अत्यधिक जहरीले हैं। वायु प्रदूषण से ओजोन छिद्र बनते हैं तथा एसिड रेन पैटर्न बढ़ते हैं।