टी टी जैड ए की मीटिग में यक्ष प्रश्नों का जबाब देने को कोयी साबित नहीं हो सका 'युद्धिष्ठर'
सिविल एन्कलेव आगरा: पं.दीन दयाल उपाध्याय का नाम रखना भी काम नहीं आया ,वह भी भाजपा शासन में । |
(राजीव सक्सेना) आगरा:ताज ट्रिपेजियम जोन अथार्टी की मीटिग में पं दीन दयाल उपाध्याय सिविल एन्कलेव की एयरफोर्स स्टेशन आगरा के परिसर से शिफ्टिग कर जन पुहुंच के सुलभ स्थल धनौली के लिये शिफ्टंग का मार्ग प्रशस्त नहीं हो सका । मींटिग में कोयी ऐसी रिपोर्ट भी प्रस्तुत नहीं की जा सकी जिसके बारे में 'मोदी सरकार -1 ' के मौसम परिवर्तन एवं वन व पर्यावरण मंत्री रहे डा महेश शर्मा ने अपने कार्यकाल की दिल्ली में, मत्री की हैसियत से आहूत अंतिम बैठक में उल्लेख किया था तथा उसे सिविल एन्कलेव की शिफ्टिग का मार्ग प्रशस्त करने वाला बताया था।
मीटिग में गैर सरकारी चार सदस्यों की मौजूदगी भी आधिकारिक रूप से यह जानकारी हांसिल करने में नकाम रही कि पूर्व से ही संचालित सिविल एन्कलेव को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष नये प्रोजेकट के रूप में कैसे
प्रस्तुत किया गया। जबकि यह वाकायदा शिफ्टिग का ही मामला है,जिसमें स्वीकृति या अस्वीकृति की विधिक भूमिका अत्यंत सीमित है।
मीटिग में एरपोर्ट अथार्टी के प्रतिनिधि से यह भी जानकारी लेने की जरूरत नही समझी गी कि कम्यूनिकेशन के इन्फ्रा स्ट्रैक्चर सैक्टर की सबसे बडी कंसलटैंसी कपनी रॉयट्स की रिपोर्ट में फेरबदल करवाके फिर से नयी स्टैडी और पूरी प्रक्रिया फिर से शुरू करवाने का मार्ग मार्ग प्रशस्त करवाने का किस का मंसूबा है।
मंडलायुक्त अनिल कुमार की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में श्री रमन,पूर्व विणायक केशोमेहरा सहित टी टी जैड के चारों गैर सरकारी सदस्य मौजूद थे।
मैट्रो नहीं, पहले पीने का पानी और शुद्ध हवा दें :
एक जानकारी के अनुसार श्री रमन ने पेयजल की उपलब्धता और वायु प्रदूषण को कम करना प्राथमिक जरूरत बताते हुए मौजूदा हालातों के चलते भारीभरकम खर्च के मैट्रो प्रोजैक्ट को फिलहाल गैर जरूरी बताया है।उनका कहना है कि आगरा का विस्तार केवल 25वर्ग कि मी ब्यास में है,जिसके लिये ,अगर मौजूदा बद इंतजामियों को दुरुस्थ किया जा सके तो मौजूदा परिवहन संसाधन पर्याप्त ही हैं।
आम आदमी की 'उडान' योजना की नजर अंदाज :
पर्यावरण एक्टविस्ट डा संजय चतुर्वेदी ने कहा है , सिविल एन्कलेव के मामले में हुई जन सुनवायी में इसे इन्फ्रा स्ट्रैक्चर का बताया गया था ,जब कि अब इसे क्यो इंडस्ट्री की श्रेणी में डला गया है। एक जानकारी में उन्होने बताया कि भारत सरकार के नागरिक उड्डयन मंत्रालय के द्वारा न तो अब तक ताज महल के शहर को रीजनल एयरकनैक्टिविटी की फ्लाइटों का फायदा ही दिया जा सका और नहीं उन एयरलाइंस आप्रेटरों से कोयी जबाब तलब किया गया है जिन्हें कि 'उडे देश का आम आदमी' (उडान) योजना के तहत अपने एयरआप्रेशन शुरू करने के ठेके दिये गये थ।
सिविल सोसायटी आगरा का दर्द :नीरज:कारवां गुजर गया,ग्वार देखते रहे। बाजपेयी: हार नहीं मानूंगा ,रा र नहीं मानूंगा |
सिविल सोसायटी आगरा के जर्नल सैकेट्री अनिल शर्मा ने कहा है कि ' मोदी सरकार -1' के दौरान आगरा का भारी अहित हुआ, हालात हालांकि अब भी खास नहीं बदले हैं किन्तु 'सुप्रीम कोर्ट के नाम का 'आगरा के परिप्रेक्ष्य में दुरोपयोग किया जाना हरसंभव तरीक से रोकेगे। विधि और न्याय विभाग भारत सरकार के माध्यम से तो अपने( वस्तुस्थिति स्पष्ट करने वाले सही ) तथ्य रखेगे ही साथ ही सीधे सुप्रीम कोर्ट के संज्ञान मे भी इन तथ्यों को लाकर वस्तुस्थिति जनता के सामने लाने का प्रयास करेंगे। उन्होने कहा कि महान कवि डा गोपाल दासस नीरज के शहर का हूं इस लिये कारवाओं के गुजरने से बनने और बाद में खोजाने वाले 'ग्वारों' के उठते रहने के दर्शन का भलिभांति जानकार हूं। श्री शर्मा ने कहा कि अपने बटेश्वर के बाजपेयी जी ने ही तो एक बार देश को दर्शन देते हुए कहा था कि 'हार नहीं मानूंगा ,रार नहीं ठानूंगा '। शायद अपने मकसद के लिये उनके काव्य की यही पंक्ति 'मार्गदर्शी ' साबित होगी।उन्हो ने कहा कि जब स्व बाजपेयी जी के द्वारा एक ग्रामीण किशोर के रूप में देखा गया सपना ' बटेश्वर रेलवे स्टेशन ' के रूप में साकार हो सकता है तो फिर 'पं. दीन दयाल उपाध्याय सिविल एन्कलेव ' सहज पहुंच युक्त स्थल पर क्यों नहीं शिफ्ट होगा।