प्रभारी मंत्री उपमुख्यमंत्री डा दिनेश शर्मा की असर हीन कार्यप्रणाली भी जनता में चर्चा का विषय
उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा |
एक स्थानीय जनप्रतिनिधि ने बताया कि संघ परिवार तक इस मामले में एक ओर कर रखा गया है। जबकि आगरा के सिविल एन्कलेव के नाम का पं. दीन दाल उपाध्याय के नाम पर पुन निर्धारण में आंरिक रूप से संघ के कुछ वरिष्ठों की ही भूमिका रही थी।चुनाव परिणाम भले ही भाजपा के पक्ष में ही रहे हो किन्तु एयरपोर्ट के मुद्दे पर आगरा से संबाधित जनप्रतिनिधियों की किरकिरी ही होती रही है।
मौजूदा जनप्रतिनिधियों के समक्ष 2022 में भी चुनाव लडने का लक्ष्य है। लोकसभा के चुनाव के दौरान पार्टी में कई पूर्व विधायक और अन्य पार्टियों के नेता भी शामिल हुए हैं। ये सभी ऐसे हैं जो कि किसी न किसी बडे नेता से सीधे संपर्क में हैं और लगातार फीडबैक ऊपर तक पहुंचा रहे हैं।
हालात यह है कि मौजूदा विधायकों को विरोधी पार्टियों से नहींअपनी ही पार्टी के उन नेताओं से ज्यादा खतरा है जो कि उनकी टिकट कटवा कर खुद टिकट प्राप्त करने की जुगाड में सक्रिय हो चुके हैं।
आगरा के प्रभारी मंत्री के बारे में फीडबैक
आगरा के प्रभारी मंत्री डा दिनेश शर्मा उपमुख्य मंत्री और प्रभारी मंत्री के रूप मे पिछले दो साल से लगातार आगरा चक्कर लगाते रहे हैं । उपमुख्यमंत्री होने के नाते आगरा के मामले में किसी भी अन्य नेता का कद ब्यूरोक्रेसी में उनसे काफी कम आका जाता है। पता नहीं डा शर्मा की कार्यपद्यति से एसे है या फिर ब्यूरोक्रेसी के द्वारा अपने हिसाब से मैनेज हो जाते है। फलस्वरूप आगरा की जरूरत का एक भी काम अब तक नहीं करवा सके हैं। महानगर की सर्वजनिक परिवहन व्यवस्था तक को सही नहीं करवा सके। उ प्र जल निगम के तहत संचालित परियोजनाओं के काम स्तरीय और समय से नहीं हो सके हैं।गांव और महानगर दोनो ही पीने के पानी को लेकर बेहद परेशान हैं। यही स्थिति ताज संरक्षण के नाम पर संचालित योजनाओं के परिणाम परे रहने को लेकर है।