नई दिल्ली। केन्द्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री डॉ. महेन्द्र नाथ पांडेय ने कहा कि घरेलू अर्थव्यवस्था के तेज रफ्तार पकड़ने की बदौलत आने वाले महीनों में भारत को 70 लाख से भी ज्यादा कुशल श्रम बल की आवश्यकता होगी। उन्होंने कहा कि भारत की 62 प्रतिशत से भी अधिक आबादी युवा है और दुनिया की सर्वाधिक कुशल आबादी वाली अर्थव्यवस्थाओं में भारत को भी शुमार करना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का सपना है।
डॉ. पांडेय नई दिल्ली में वीएलसीसी सौंदर्य एवं पोषण संस्थान के 18वें वार्षिक दीक्षांत समारोह में बोल रहे थे। डॉ. पांडेय ने कहा कि वीएलसीसी ने नियमित 6,000 कर्मचारियों के अलावा पिछले दो वर्षों में 2 लाख
से भी अधिक युवाओं को रोजगार दिया है। मंत्री ने यह बात रेखांकित की कि भारत में सौंदर्य एवं वेलनेस व्यवसाय में 80,000 करोड़ रुपये की बाजार संभावनाएं हैं और यह लाखों लोगों को रोजगार अवसर मुहैया करा सकता है क्योंकि आधुनिक जमाने में प्रत्येक व्यक्ति की चाहत यही होती है कि उसका जीवन अच्छे स्वास्थ्य एवं सौंदर्य से परिपूर्ण हो। उन्होंने इस ओर भी ध्यान दिलाया कि कौशल संबंधी आवश्यकता वाला यह पाठ्यक्रम महिला सशक्तिकरण का एक महत्वपूर्ण साधन है क्योंकि प्रशिक्षण के बाद विद्यार्थी ‘मुद्रा’ जैसे आसान ऋणों से लाभ उठाकर वेलनेस एवं सौंदर्य केन्द्र स्थापित कर सकता/सकती हैं और इसके साथ ही वे इस तरह के लाभप्रद रोजगार अवसरों के लिए अन्य लोगों को भी प्रेरित कर सकते हैं।