ब्राजील के लिए रवाना होने से पहले, श्री जावड़ेकर ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत अब पीछे रहने वाला देश नहीं है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय जगत में पर्यावरणीय संबंधी बातचीत में सबसे आगे है। पर्यावरण मंत्री ने कहा, “जब मैं पेरिस गया, तो लोगों को इस बात को लेकर संदेह था कि भूराजनीतिक गठबंधन बेसिक अक्षुण्ण बना रहेगा या नहीं। लेकिन हम न केवल अक्षुण्ण बने रहे, बल्कि अंतिम वार्ताओं में अपने विचार रखने वाली ताकत भी बने रहे। इस बार भी हम पेरिस के बाद की स्थिति और संयुक्त राष्ट्र के सत्र में तथा साथ ही साथ चिली में अगले पड़ाव में हमारे द्वारा अपनाए जाने वाले रुख की समीक्षा करेंगे।”
श्री जावड़ेकर ने जोर देकर कहा कि पेरिस समझौते के तहत हमने जो उत्तरदायित्व ग्रहण किए हैं, हम उन पर सार्थक कदम उठा रहे हैं और हम आशा करते हैं कि दुनिया विशेष रूप से विकसित देश भी वित्तीय और तकनीकी सहायता के संदर्भ में विकासशील देशों के लिए अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा करेंगे।