-- मथुरा के छोटा कोसी की पनचक्कियां विरासत संपदा के रूप में संचालित हो: चौ.उदयभान सिह
लघु ऊद्यम राज्य मंत्री चौ उदयभान सिह ने जोधपुर झाल की विहंगमता निहारी। साथ में हैं,सिचाई विभाग विभाग केे अधिकारी एवं जलाधिकार के सदस्य। |
-- सैल्यूस गेट लगें
चौ उदयभान सिह ने कहा कि जखीरे के एक भाग में जलभंडरण की भरपूर क्षमता है,खेती के लिये पानी जिन दिनों जरूरी नहीं होता उन्हीं दिनों के पानी से इसे भरा जाये।
चौ.उदयभान सिह ने कहा कि जलग्राही (इंटेक पॉइंट) और जल निकास(आऊट लेट) के लिये सैल्यूस गेट लगवाये जायें। जिससे कि नहर को बिना किसी क्षति के झाल के जलाशय जलस्तर को आवश्यकता के अनुसार नियंत्रित किया जा सके। मंत्री ने झाल के बंदे को मजबूत करने के लिये भी कहा ,जिससे कि इसे नियत क्षमता तक भरा रखा जा सके।
चौ. उदयभान सिह झाल का गहनता के साथ निरीक्षण किया ,मौके पर मिलने आये ग्रामीणों से उनकी समस्याओं की जानकारी ली।
अधिकारियों के साथ मीटिग
बाद में मत्री ने नहर विभाग की झाल स्थित कोठी परिसर पर अधिकारियों के साथ मीटिंग की। मीटिग के दौरान उन्होंने मथुरा जनपद में नहर के आने वाले भाग (अपर डिवीजन आगरा कैनाल) को निर्देशित किया कि संबधित सिचाई विभाग की छोटा कोसी स्थित आटा पीसने की सात पन चक्कियों में से जितनी भी त्वरित सुचारू हो सकें उन्हे संचालित किया जाये और जो किन्हीं कारणों से खराब हैं, उनको ठीक करवाने का प्रयस किया जाये।
पन-चक्कियों को सुचारू करवायें ठीक
नहर कोठी प्रांगण में जलाधिकार के पदाधिकारियों एवं ग्रामीणों के साथ की पर चर्चा।(इन्सेट में अधीक्षण अभियन्ता ज्ञान प्रकाश श्रीवास्तव अधिकारी गण) |
अत्यंत गुणवत्तयुक्त होता है पनचक्की पर पिसा आटा
चौ.उदयभान ने कहा कि पन चक्कियों से अनाज पिसाई की प्रक्रिया में आटा ऊष्मित नहीं होता। इस लिये इसमें प्रकृतिक गुण ,हाथ की चक्की से पिटे आटे से भी अधिक होते हैं।
उन्होंने कहा कि वह चाहेंगे कि भंडारों , पूजा प्रसादों तथा इलाज उपरांत स्वास्थ्य लाभ कर रहे लोगों में यहां पिसे आटे का उपयोग प्रचलित किया जाये। शारीरिक प्रतिरोध क्षमता बढाने को दृष्टिगत पनचक्कियों के पिसे आटे का सेवन खास उपयोगी माना जाता है। सत्तू के लिये भुने अनाज को इन चक्कियों से पिसवाने का पूर्व में काफी प्रचलन रहा। छोटा कोसी के अलावा आगरा कैनाल की गुणगांव शाखा पर भी पूर्व में पन चक्कियां रही हैं।लेकिन वे पूरी तरह से भुलायी जा चुकी है।
मंत्री के साथ मीटिंग के बाद औपचारिक चर्चा में आगरा कैनाल के अधीक्षण अभियन्ता सिंचाई ज्ञान प्रकाश श्रीवास्तव ने बताया कि जोधपुर झाल को पं. दीन दयाल उपाध्याय सरोवर योजना के तहत जलाशय युक्त प्राकृतिक रमणीक स्थल के रूप में विकसित किया जायेगा। मंत्रीजी ने जो निर्देश दिये हैं उनके अनुरूप योजना का क्रियान्वयन करवाया जायेगा। कई अन्य विभागों की इसमें सहभागिता एवं समन्वय रहेगा।
जोधपुर झाल के इस निरीक्षण पत्रकार राजीव सक्सेना जलाधिकार फाउंडेशन आगरा के अध्यक्ष डॉ अनुराग शर्मा , हेमंत जी , विनोद गुप्ता आदि भी साथ थे ।