-- डॉ सुनीता गर्ग योग आसनों की उपयोगिता पर डाला प्रकाश
आगरा:'न डरें न ही डरायें ' यह सूझाव है प्राकृतिक चिकत्सा विशेषज्ञ डॉ सुनीता गर्ग का। उनका कहना है कि भय से प्रतिरोधक शक्ति (इम्युनिटी) पर प्रतिकूल प्रभाव पडता है।यह परामर्ष उन्होंने उस दौर में दिया है, जबकि शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढाने की दबाओं और खानपानकी आदतों को उपयुक्त बनाये जाने के सुझाव ही ज्यादातर दिये जा रहे हैं। जनजीवन पर तमाम तरह के मनोवैज्ञानिक दबाब हैं, जबकि बैहतरनीतम उपचार भी तभी कामयाब हो पाता है जबकि मनोभाव सही हों।
डा सुनीता भार्गव जो कि गतदिवस एक वेबिनार में योग, एक्यूपंक्चर एवं प्राकृतिक चिकत्सा में बोल रही क्थीं ने योगासनों के बारे में बताते हुए कहा कि हमारे शरीर को अदम्य रोगनिरोधक शक्ति को सम्पूर्ण रूप से कार्यरत करने के लिए योग की सशक्त भूमिका
है।योगासन विशेष रूप से पश्चिमोत्तान आसान तीस सेकंड तीन बार, कोण आसान, नौकासन, चक्रासन, विपरीतकर्णी, सेतुबंध, भुजंग, शलभ, धनुरासन, मकरासन,शवासन, नियमित रूप से , सही तरह से प्रतिदिन करने से शरीर की प्रतिरोधक शक्ति अद्भूत हो जाएगी।
जो व्यक्ति इन आसनों को नहीं कर सकते हैं, उन्हें सूक्ष्म आसान नियमित रूप से करने चाहिए। डाॅ0 गर्ग ने यह भी बताया कि भय से प्रतिरोधक शक्ति (इम्युनिटी) नष्ट हो जाती है।
उन्हों ने कहा कि हमारा नैतिक दायित्व है कि न तो हम डरें न डराएं। आत्मविश्वास रखें और इसके साथ-साथ संतुलित आहार, समुचित निद्रा और शांत मन से बड़ी से बड़ी बीमारी को हम जीतने की ताकत रखते हैं।
डॉ गर्ग ने यह भी बताया कि हम कम से कम दस मिनट प्रतिदिन ध्यान विचार शून्य शांति का आनंद लें। वृद्ध जन योगनिद्रा का प्रतिदिन अभ्यास जरूर करें। जल नेती नित्य करते रहें। वेबीनार में बड़ी संख्या में विभिन्न शहरों से लोगों ने भाग लिया।
' स्किल बूस्ट ' के तत्वावधान में आयोजित वेवीनार को सूरत के व्यवसायी अशोक गोयल उपयोगी बताते हुए इस प्रकार के आयोजन निरंतर किये जाने पर बल दिया। संचालन अधिवक्ता के0सी0 जैन द्वारा किया गया। कार्यक्रम स्किल बूस्ट के तत्वावधान में आयोजित हुआ।