--हिन्दी की वैश्विक स्वीकारिता , समझना सहज :प्रो दीक्षित नागरी प्रचारिणी सभा में पूर्व विधायक बदन सिह के पुत्र ने पिता
की ओर से ग्रहण किया ,राज बहादुर राज का भी सम्मान।
आगरा,नागरी प्रचारिणी सभा,आगरा द्वारा ‘हिन्दी दिवस समारोह ‘ का आयोजन किया गया। इस अवसर पर पूर्व विधायक और प्रतिष्ठित साहित्यकार चौधरी बदन सिंह को “पंडित जगन प्रसाद रावत,नागरी प्रचारिणी सभा,आगरा” पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
समारोह में वरिष्ठ साहित्यकार श्री राजबहादुर सिंह ‘राज’ को हिन्दी साहित्य की सेवाओं के लिए सम्मानित किया गया।डा शलभ शर्मा ने प्रख्यात हिन्दी विद्वान एवं सभा के पूर्व सभापति स्व. रमेश कुमार शर्मा की स्मृति में सभा को ‘ मल्टी मीडिया ’ दिये जाने की घोषणा भी अपने पारवारिक ट्रस्ट की ओर से की।
सरस्वती वन्दना का पाठ श्री भगवान सहाय द्वारा किये
जाने के साथ सभापति रानी सरोज गौरिहार की
अध्यक्षता में कार्यक्रम संपन्न हुआ।
समारोह के मुख्य अतिथि केंद्रीय हिन्दी संस्थान के आचार्य एवं अध्यक्ष प्रो.उमापति दीक्षित
ने कहा कि “हिन्दी एक मात्र ऐसी भाषा है जिसको समझना बाक़ी हर भाषा से सरल है।” अतिथितियों
का स्वागत करते हुए समारोह के संयोजक और सभा के उपसभापति डा.ख़ुशीराम शर्मा ने कहा
कि “भारत के ज़्यादातर लोग की मातृभाषा हिन्दी होने की वजह से उन्हें बोलने और
समझने में कोई कष्ट नहीं होता है।हिन्दी में शब्दों की भरमार है।”
सभा के
मंत्री डा.चन्द्रशेखर शर्मा ने कहा कि”संस्कृत को सरल
करने के लिए हिन्दी का जन्म हुआ है।हिन्दी भारत की धरोहर है।हिन्दी भारत की प्राण
भाषा है।”
समारोह का
संचालन करते हुए सभा की उपसभापति प्रो.कमलेश नागर ने कहा कि”हिन्दी का उदय संस्कृत भाषा से हुआ है।यह दुनिया की सर्वाधिक बोली जाने
वाली भाषा है।हिन्दी भाषा भारत को एक सूत्र में बांधती है।