28 मार्च 2022

साहित्‍य सृजक,पद्मश्री डा ऊषा यादव को किया गया सम्‍मानित

 -- साहित्‍यिक रंगों से सरोवोर कर गया ' नव अभिव्‍यक्‍ति ' का कवि सम्‍मेलन

' नव अभिव्‍यक्‍ति ' के कवि सम्‍मेलन में जुटे साहित्‍यकार, पद्मश्री ऊषा यादव को डा विजय लक्ष्‍मी शर्मा ने संस्‍था की ओर से किया सम्‍मानित।

आगरा: साहित्‍य संगीत कला को समर्पित संस्‍था ' नव अभिव्‍यक्‍ति ' के तत्‍वावधान में आयोजित साहित्‍यिक आयोजन में पद्मश्री डा ऊषा यादव का उनकी साहित्‍यिक उपलब्‍धियों के लिये सम्‍मान किया गया , डा श्रीमती विजय लक्ष्‍मी शर्मा ने उन्‍हें सम्‍मानित करते हुए  डा श्रीमती ऊषा यादव की साहित्‍यिक उपलब्‍धियों पर प्रकाश डाला । उन्‍हों ने कहा कि साहित्‍य जगत और आगरा को अभी उनसे और अधिक करने की अपेक्षा है।  डा ऊषा यादव ने अपने सम्‍मान के प्रति आभार व्‍यक्‍त करते हुए आयोजन की गारिमा में अभिबृद्धि करते हुए 'आज ही बना डालो मम्‍मी पिकनिक का प्रोग्राम ' प्रस्‍तुत कर श्रोताओं को मंत्रमुग्‍ध कर दिया। संस्‍था की सचिव सुश्री  इरा शर्मा ने अतिथियों को स्‍वागत करते हुए संस्‍था का परिचय दिया। 

वरिष्‍ठ गजलकार अशोक रावत

ने 'जो दिये हमने जलाये हैं बुझसकर देख लों ' जहां वैचारिक द्वन्‍द की प्रस्‍तुति की,वहीं डा त्रिमोहन तरल ने 'अगर आंसू नहीं होते तो, हमारे दिल का क्‍या होता 'को प्रस्‍तुत कर मानवीय अनुभूतियां झंकृत कीं। 

प्रख्‍यात कवि  शशंक प्रभाकर ने ने 'झूठ बोलने का सलीका जिसे आ जाये, ये तय है कि वो इंसान सियासत में आ जायेगा ,हरीश अग्रवाल 'ढपोरशंख ' ने अपनी हास्‍य रचनाओं से श्रोताओं को आनंनदित कर दिया।

पुरानी विजय नगर कॉलोनी स्‍थित ईरा पब्‍लिक माडल स्‍कूल के प्रांगण में  आयोजित इस आयोजन का प्रमुख कवि   श्री रमेश पंडित ने अपने चिरपरिचित अंदाज में न केवल कवि सम्‍मेलन का संचालन किया आपितु 'रुको अभी मैं घूम घाम कर फिर से आता हूं। ,बहर का मौसम केसा है तुम्‍हें बताता हूं। 

 प्रख्‍यात साहित्‍यकार डा अखिलेश श्रोत्रिय , डा शशि तिवारी, एवं गजलकार अनिल उपाध्‍याय ने भी अपनी उत्‍कर्ष रचनाओं से श्रोताओं को आनंदित किया।