-- साहित्यिक रंगों से सरोवोर कर गया ' नव अभिव्यक्ति ' का कवि सम्मेलन ' नव अभिव्यक्ति ' के कवि सम्मेलन में जुटे साहित्यकार, पद्मश्री ऊषा यादव
को डा विजय लक्ष्मी शर्मा ने संस्था की ओर से किया सम्मानित।
वरिष्ठ गजलकार अशोक रावत
ने 'जो दिये हमने जलाये हैं बुझसकर देख लों ' जहां वैचारिक द्वन्द की प्रस्तुति की,वहीं डा त्रिमोहन तरल ने 'अगर आंसू नहीं होते तो, हमारे दिल का क्या होता 'को प्रस्तुत कर मानवीय अनुभूतियां झंकृत कीं।प्रख्यात कवि शशंक प्रभाकर ने ने 'झूठ बोलने का सलीका जिसे आ जाये, ये तय है कि वो इंसान सियासत में आ जायेगा ,हरीश अग्रवाल 'ढपोरशंख ' ने अपनी हास्य रचनाओं से श्रोताओं को आनंनदित कर दिया।
पुरानी विजय नगर कॉलोनी स्थित ईरा पब्लिक माडल स्कूल के प्रांगण में आयोजित इस आयोजन का प्रमुख कवि श्री रमेश पंडित ने अपने चिरपरिचित अंदाज में न केवल कवि सम्मेलन का संचालन किया आपितु 'रुको अभी मैं घूम घाम कर फिर से आता हूं। ,बहर का मौसम केसा है तुम्हें बताता हूं।
प्रख्यात साहित्यकार डा अखिलेश श्रोत्रिय , डा शशि तिवारी, एवं गजलकार अनिल उपाध्याय ने भी अपनी उत्कर्ष रचनाओं से श्रोताओं को आनंदित किया।