19 अप्रैल 2023

जल संचय संरचनायें महत्‍वपूर्ण,संरक्षण जरूरी : डा.मंजू भदौरिया

 - जिला पंचात अध्‍यक्ष को 'नमामी करौली मैया' अभियान का तथ्‍य पत्र सौपा

'नमामी करौली मैय्या' अभियान: जिपां अध्‍यक्ष डा मंजू भदौरिया को
 सिविल सोसायटी के जर्नल सैकेट्री अनिल शर्मा ने सौपा 'विषय पत्र'।

आगरा: सिविल सोसायटी  आगरा नागरिकों की अहम जरूरत को दष्‍टिगत ' नमामी  करौली  मैय्या ' अभियान शुरू करने जा रही है। राजस्‍थन के जल स्‍त्रोंतों  के जनपदमें पहुंचने वाले  पानी को सिमेट कर रखने प्रति ध्‍यान आकर्षित करना इसका लक्ष्‍य है ।  अभियान के माध्‍यम से लक्षित जल स्‍त्रोत्रो और उनसे संबधित जल संचय संरचनाओं  के बारे  में तैयार ' तथ्‍य पत्र ' के मध्‍यम से स्‍पष्‍ट करने का प्रयास किया गया है कि चार दशकों  से सूखे पडे तेरह मोरीबांध(फतेहपुर सीकरी )को कैसे पुन: पानी से भरपूर किया जा सकता है। गंभीर नदी पर बने खनुआ बांध , बाकोली एस्‍केप और चिकसाना बंधे की राजस्‍थान सरकार मरम्‍मत करवा चुकी है। 

अगर इनसे होने वाले डिस्‍चार्ज की विशाल जलराशि

को सिमेटकर रखने की कोयी योजना समय रहते तैयार नहीं की गयी तो यह पानी अपनी गति से उटंगन होकर पूर्ववत यमुना नदी में समाता रहेगा।

सिविल सोसायटी प्रतिनिधि मंडल ने जिला पंचायत अध्‍यक्ष श्रीमती मंजू भदौरिया को उनके कैंप कार्यालय पहुंच  अभियान के लिये समर्थन मांगा।अभियान के मध्‍यम से कैलामाता की कृपा से करौली की पहाडियों की नदियों के पानी के बैहतर प्रबंधन की जरूरत के प्रति नागरिकों ,  सामाज एवं राजनैतिक नेतृत्‍व करने वालों का ध्‍सान आकर्षित करने का प्रयास होगा।

सकारात्‍मक प्रयास
चिकसाना रैग्‍यूलेटर:राजस्‍थान सरकार ने बनाडाला 800 हैकटेयर क्षेत्र
में जल ठहराव के लिये बना डाला बंधा ।
 

श्रीमती भदौरिया ने सिविल सोसायटी के जलसंरक्षण को समर्पित ' नमामी करौली मैया अभियान' को एक सकारात्‍मक प्रयास बताते हुए सदभावनाये जतायी हैं। उन्‍होंने कहा है कि जलसंरक्षण आज की आवश्‍यक्‍ता है ।सिंचाइर्बंधु की अध्‍यक्ष के रूप में जलसंचय के प्रयासों को प्रभावी बनायेजने के लिये जो किया जा सकता है उसके लिये प्रयास करेंगी।

 श्रीमती भदौरिया आगरा जनपद के खेरागढ,जगनेर,फतेहपुरसरकरी ,श्‍समयसबसद  तथा फतेहाबाद विकास खंडों के जलस्‍त्रोतों और उनके बैहतर प्रबंधन संभावनाओं को लेकर भी अनौपचारिक की । सिविल सोसायटी आगरा ने श्रीमती भदौरिया अभियान की जानकारी देते हुए एक तथ्‍य पत्र कहा कि करौली-संवाई माधौपुर की पहाडियों (Vindhya - Aravalli Range) से निकलने वाली जल धाराये और वर्षा कालीन ऊफान राजस्‍थान  और उप्र दोनों के लिये ही अत्‍यंत उपयोगी है। भू गर्भ जल की मात्र और गुणवत्‍ता में सुधार का बैहतरीनतम  सहज उपलब्‍ध माध्‍यम हैं। करौली मैया के प्रति आगरा की जनताकी अगाध आस्‍था है और वह इन जल धाराओं को उनका प्रसाद मानकर बैहतरीनतम प्रबंधन की अपेक्षा करती है।

सोसायटी की ओर से जिला पंचायत अध्‍यक्ष्‍। अनुरोध किया गया कि तथ्‍य पत्र में  उल्‍लेखित  नदियों और जलस्‍त्रोतों संज्ञान में लेकर जनपद के जलसंचय  लक्ष्‍य केअनुरूप कार्ययोजना पर विचार विचार करें। सोसायटी ने द्वारा अध्‍यक्ष से कहा  कि करौली जनपद का अरावली और विद्य पहाडी समूह से अनेक जलधारायें प्रस्‍फुटित होती हैं ये अपने आप में भौगोलिक विशिष्‍ठतायें है  और परोक्ष  रूप से  मां करोली देवी का प्रसाद हैं।  शुष्‍क पहाडियों की इन जलधाराओं में मानसून काल में सामान्‍य से कम वर्षा होने पर भी भरपूर जलराशि संजय को उपलब्‍ध होती है।

बी बुबाई पर करते हैं डिसचार्ज

राजस्‍थान के धौपलुर और भरतपुर जनपदों में इन्‍हें बंधों के जलाशयों  के रूप में  संजोकर रखा जाता है किन्‍तु अधिकांश बधियों का जल विस्‍तार क्षेत्र /डूब क्षेत्र खेतों मे होने के कारण रबी की फसल पूर्व पानी की बडी मात्रा को डिसचार्ज करना पडता है। सह समस्‍त जलराशि चिकसाना नाला (खारीनदी का सहायक चैनल) खारी नदी , किबाड,पार्वती नदी , होकर उटांगन पहुंचता है और बटेश्‍वर धाम के अपस्‍ट्रीम में रहवली (फतेहाबाद) गांव के निकट यमुना नदी में समाती  है ।

जगनेर की बंधियां

 जगनेर की 34 बंधियों का मानसून कालीन पानी भी उटंगन नदी में ही डिस्‍चार्ज  पहुंचता हैा। अरनौटा के डाउन तथा नगला बिहारी (फतेहाबाद) के क्षेत्र  इस विशाल जलराशि को  सहेजने की पर्याप्‍त अनुकूल स्‍थितियां हैं। फतेहाबाद -शमशाबाद वटर सप्‍लाई के साथ ही आगरा के बाह्य क्षेत्र के लिये भी यह  सहेजा जल अत्‍संत उपयोगी है।

राजस्‍थान से डिसचार्ज होगी भरपूर जलराशि

चूंकि राजस्‍थान सरकार ने गंभीर नदी के टेल तथा उटंगन नदी के हैड पर बने खनुआ बांध को फंश्‍नल कर दिया है और मानसून काल में बांध में भरपूर पानी एकत्र होगा। यह पानी मानसून काल के बाद ही  गेंहू और सरसों आदि रबी की बुबाई के लिये खेतो को खाली करवाने  के लिये उटंगन में होकर डिसचार्ज किया जायेगा। 

इसी प्रकार चिकसाना नाले का 800 हैक्‍टेयर जलभराव वाला, बधा राजस्‍थान सरकार के द्वारा 40साल बाद पुन: दुरुस्‍था करवा दियेजाने के कारण इसका पानी भी खारी या उटंगन में संचय के लिये उपलब्‍ध रहेगा। 

 सोसायटी  के जर्नल सैकेट्री अनिल शर्मा ने कहा  जिला पंचात प्रमुख श्रीमती मंजू भदौरिया सेअनुरोध किया कि सिचाई गंधू  की अध्‍यक्ष के रूप में उप्र और राजस्‍थान जल प्रबंधन समझौतों के आगरा की जलस्‍त्रोतों के प्रबंधन में आधार भूत हिस्‍सेदारी सुनिश्‍चित करवयें।

तेरह मोरी बांध

तेरह मोरी बांध का भराव सुनिश्‍चित करने के लिये अजान बांध (राजस्‍थान) के राजा बृजेन्‍द्र सिह बैराज से तेरहमोरी तक पानी लाने वाले वाटर चैनल को सुचारू करवायें। अजान बांध से मिलने वाला पानी जितना भरतपुर पक्षी अभयरण्‍य केलिये जरूार है उससे   भी कही अधिक महत्‍वपूर्ण तेरहमोरी बांध के लिये है। दरअसल तेरह मोरी बांधा विश्‍वदाय संपत्‍ति फतेहपुर सीरकरी का अभिन्‍न भाग तथा पुरातत्‍व विभाग की सूची में विरासत जलाशय के रूप में दर्ज है संपदा तो है ही साथ ही जनपद की तीसरी सबसे बडी नदी खारी(लगभग 67किमी) का हैड भी है।

प्रतिनिधि मंडल में जर्नलिस्‍ट राजीव सक्‍सेना,असलम सलीमी भी थे।