– छावनी क्षेत्र में लीज अवधि स्वत:बढाते रहने का प्राविधान हो छावनी क्षेत्र में संपत्तियों कीस्वत:लीज रिन्युअल होते
रहने का प्राविधान हो ।
आगरा:छावनी क्षेत्र की वह भूमि, जो वर्तमान में एवं भविष्य में सैन्य उपयोग के अतिरिक्त हो, उस भूमि को राज्यों को स्थानान्तरित कर वहाँ स्थानीय निकाय गठित कर दिया जाये,यह सुझाव पूर्व विधायक एवं वरिष्ठ भाजपा नेता केशो मेहरा, एवं आगरा छावनी क्षेत्र के विधायक डॉ0 जी0एस0 धर्मेश ने रक्षामंत्रालय को दिया है।नेता द्वै के द्वारा दिये गये इस सुझाव रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने सकारात्मक प्रतिक्रिया जताते हुए कहा कि सुझाव पर वह नीतिगत तौर पक्षधर हैं। वह मानते हैं कि समस्त भूमि जो वर्तमान में एवं भविष्य में सैन्य उपयोग में नहीं आने वाली है, उसे राज्यों को स्थानान्तरित कर दिया जाए उन्होंने कहा कि कुछ राज्यों ने इस हेतु स्वीकृति दे दी है जबकि अन्य राज्यों से इस सम्बन्ध में
वार्ता चल रही है।रक्षामंत्री से भाजपा नेता केशो मेहरा तथा विधायक डा जीएस धर्मेश की यह मुलाकात 26 मार्च 2023 को साऊथ ब्लाक में रक्षामंत्रालय स्थित उनके कार्यालय में हुई थी।
श्री मेहरा ने सुझाव दिया था कि जो भूमि 30 वर्ष की लीज पर दी गई हों, उनकी लीज अवधि 30 वर्ष बाद स्वतः बढ़ा दी जाए एवं इस हेतु एक निर्धारित प्रतिशत राशि बढ़ा दी जाए, अगर सदन नहीं चल रहा हो तो अध्यादेश लाकर इस कार्य को किया जाए।
सदर बाजार लीज एक्सटेंशन का मामला छावनी क्षेत्र की शिक्षण संस्थायें संपत्ति कर
दायरे से बाहर रखी जायें।
भाजपा नेताओं ने सदर बाजार, आगरा की दूकानों का मामला उठाते हुए कहा कि बाजार की समस्त दुकानें जो वर्ष 1977 से वर्ष 2003 तक सेल्फ फाइनेन्स स्कीम के अन्तर्गत 30 वर्ष की लीज पर दी गई थीं, के सम्बन्ध में डायरेक्टर, डिफेंस एस्टेट्स, सेंट्रल कमांड, लखनऊ ने 10 फरवरी को सी0ई0ओ0, आगरा को आदेश कर दिए है कि जिन दुकानों की लीज अवधि पूरी हो चुकी है, उनकी नए सिरे से सार्वजनिक नीलामी की जाए एवं दुकानें उच्चतम बोली लगाने वाले को दे दी जाएं। जिस पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गंभीर रुख लिया एवं आश्वस्त किया कि ऐसा नहीं होने देंगे। रक्षामंत्री ने उक्त आदेश को तत्काल प्रभाव से निरस्त करने को आश्वस्त किया। रक्षा मंत्री ने आदेश दिया कि देश के समस्त छावनी बोर्डों में इस प्रकार से जो भी दुकानें लीज पर दी गई हों, उनकी लीज अवधि स्वतः बढ़ जाए, इस हेतु अधिकारियों को निर्देशित किया कि प्रस्ताव बनाकर दिया जाए।
भवन मरम्मत को अनुमति की जरूरत समाप्त हो
डॉ0 जी0एस0 धर्मेश ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से कहा कि आपने वर्ष 2019 में छावनी के क्षेत्रों में भवनों की मरम्मत हेतु आदेश निर्गत किया था कि पेन्टिंग, फर्श की मरम्मत, फॉल सीलिंग, प्लास्टिरंग, सैनिटरी फिटिंग्स, बाउंड्री की मरम्मत, टूटी दीवारों आदि को ठीक करने के लिए किसी भी प्रकार की अनुमति की आवश्यकता नहीं है, लेकिन इसके पश्चात भी मरम्मत करने पर आपत्ति की जाती है, केशो मेहरा ने सुझाव दिया कि उक्त आदेश में यह स्पष्ट कर दिया जाए कि जो भी व्यक्ति जिस मकान में रहता है, चाहे उसका नाम छावनी के अभिलेखों में दर्ज न हो, तो भी उसे मरम्मत करने का अधिकार मिलना चाहिए।
श्री मेहरा ने कहा कि उपरोक्त आदेश में संशोधन इस आशय का किया जाए कि जो भी मकान में रहता है, उसे मरम्मत करने का अधिकार हो, चाहे उसका नाम अभिलेखों में दर्ज हो अथवा नहीं, इस पर निर्णय हुआ कि भवन में रहने वाले व्यक्ति जिसका नाम अभिलेखों में दर्ज नहीं हो, उसे मरम्मत करने हेतु किसी प्रकार के प्रार्थनापत्र देने की आवश्यकता नहीं है और वह मरम्मत करवा सकता है।
शैक्षणिक संस्थानों को संपत्तिकर से मिले मुक्ति
बैठक में अवगत कराया गया कि गोपीचंद शिवहरे सनातन कन्या इंटर कॉलेज, आगरा का विगत सत्र में वार्षिक मूल्यांकन राशि रु0 52,552.00 था, जिसे बढ़ाकर रु0 2,14,65,948.00 (रुपये दो करोड़ चौदह लाख पैंसठ हजार नौ अड़तालीस मात्र) कर दिया गया है1श्री मेहरा ने इसे अव्यवहारिक बताया और सुझाव दिया कि देश के समस्त छावनी बोर्डों में स्कूलों को संपत्ति कर से छूट दी जाए। इस हेतु छावनी अधिनियम, 2006 की धारा में संशोधन कियाजाना भी अपेक्षित किया। जिससे कि छावनी क्षेत्र में जो भी शैक्षणिक संस्थान सरकार से मान्यता या सहायता प्राप्त हैं, उन पर किसी प्रकार का संपत्ति कर देय नहीं हो।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ वार्ता में केशो मेहरा, डॉ0 जी0एस0 धर्मेश, जवाहर डावर, पूर्व अध्यक्ष, सदर बाजार ट्रेडर्स एसोसिएशन, राजीव तिवारी, पूर्व अध्यक्ष, नेशनल चैम्बर ऑफ इंडस्ट्रीज एंड कॉमर्स, आगरा के अतिरिक्त गिरधर अरामने, रक्षा सचिव, रसिका चौबे, वित्तीय सलाहकार, सोनम यंगडोल, एडिशनल डी0जी0, राकेश मित्तल, संयुक्त सचिव आदि अधिकारीगण उपस्थित रहे।