पूर्व भारतीय कप्तान जगवीर सिंह के साथ वरिष्ठ खेल पत्रकार एल एस बघेल। |
भारतीय हाकी टीम के पूर्व कप्तान , ओलंपियन एवं भारतीय मास्टर्स हाकी कमेटी के मेंबर जगवीर सिंह ने कहा है कि मास्टर्स हॉकी टूर्नामेंट , जो वैटरन खेलते हैं उनके लिये तो उत्साह और ऊर्जाकरक होते हीहै लेकिन उनके लिये खास तौर पर विशेष अवसर होते हैं जो युवा हैं और अपने सीनियर्स की फील्ड पफामेंस से बहुत कुछ जानना समझना चाहते हैं।
--पहली वार भारत की भागीदारी
जगवीर सिंह ने बताया कि वर्ल्ड मास्टर्स हाकी संघ द्वारा विश्व कप के आयोजन के लिए स्थानों का चयन किया जाता है। जिसमें केपटाउन में इसी साल 35 से 40 साल आयु वर्ग के खिलाड़ियों
का मास्टर्स हाकी विश्व कप आयोजित किया जाएगा। जिसमें पहली बार भारतीय महिला एवं पुरुष हाकी टीम हिस्सा लेगी। वर्ष 2024 में आकलैंड में जो विश्व कप मास्टर्स हाकी टूर्नामेंट आयोजित किया जाएगा। उसमें 45 से 50 वर्ष तक के महिला और पुरुष हाकी खिलाड़ी हिस्सा लेंगे। इसी तरह अन्य आयोजनों के लिए भी वर्ल्ड मास्टर्स हाकी संघ द्वारा कार्यक्रम तैयार किया जाता है। वैसे तो ये विश्व कप पहले से हो रहे हैं लेकिन भारत पहली बार इसमें हिस्सा लेगा।मास्टर्स हाकी संघ को एफआईएच से मान्यता प्राप्त है। इन आयोजनों का खर्चा वर्ल्ड मास्टर्स हाकी संघ द्वारा वहन किया जाता है। भारत में भी सीनियर हाकी प्लेयर्स द्वारा इसका खर्चा वहन किया जा रहा है। भारत सरकार से फिलहाल कोई आर्थिक मदद नहीं मिल रही है। लेकिन जगवीर सिंह को उम्मीद है कि निकट भविष्य में भारत सरकार और भारतीय हाकी संघ द्वारा आर्थिक मदद मिल सके। वरिष्ठ खिलाड़ी अपने स्तर से खर्चा वहन कर रहे हैं।
--जगवीर स्वयं भी है नेशनल कमेटी में
भारतीय मास्टर्स हाकी कमेटी में ओलंपियन जगवीर सिंह के अलावा गोलकीपर एवी सुवैया, हरविंदर सिंह के साथ उत्तर प्रदेश के खेल निदेशक एवं हाकी खिलाड़ी आरपी सिंह भी हैं। मास्टर्स हाकी का मूल उद्देश्य पूर्व खिलाड़ियों का इनवाल्वमेंट बढ़ाना है। उन्होंने कहा कि वैसे तो छोटे स्तर से हाकी को बढ़ावा देते हैं। अब पुराने खिलाड़ी जब मैदान में उतरेंगे तो छोटे बच्चे भी उनकी खेल की तकनीक से बहुत कुछ ज्ञान हासिल कर सकेंगे। वैसे भी मास्टर्स को हाकी को गुडवाय कहने की इजाजत नहीं है। उन्होंने कहा कि मास्टर्स हाकी वर्ल्ड कप में खिलाड़ी अपने परिवार को भी साथ ले जा सकेंगे। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पुराने खिलाड़ियों से मिलने का मौका मिलता रहेगा। भारत की हाकी टीम को पहली बार इस विश्व कप में खेलने का मौका मिलने जा रहा है। जिसको लेकर तैयारियां अभी से की जा रही हैं। जल्द ही मास्टर्स हाकी संघ की कमेटी की बैठक होगी, जिसमें आगे की रूपरेखा तय की जाएगी।
-- संगठन का अंतर्राष्ट्रीय तानाबाना
भारत की मास्टर्स हॉकी कमेटी अब वर्ल्ड मास्टरर्स हाकी (WMH) से संबद्ध है। आनेवाले समय में इसकी महत्वपूर्ण पूर्ण भूमिका होगी ।2012तक इंटरनेशनल मास्टर्स हॉकी( International Masters Hockey -IMHA) और वर्ल्ड ग्रांडमास्टर्स एसोसियेशन ( World Grand Masters Association -WGMA) .दो अलग अलग संगठन थे ।बाद में प्रशासनिक व आयोजनों की सुविधा के लिये इनका आपस में विलय कर दिया गया ।
2012हॉकी के विकास एवं संरक्षण के लिये विश्व स्तरपर उत्तर दायी इंटरनेशनल हॉकी फैडरेशन (The Fédération Internationale de Hockey,)ने इसे मान्यता दी हुई है । वर्तमान में वर्ल्ड मास्टर्स हॉकी के भारत सहित 38देशों के शीर्ष हॉकी निकाय इसके सदस्य हैं।इन देशों की महिला एवं पुरूष दोनों ही वर्ल्ड मास्टर कप केआयोजनों मेंआमंत्रित की जाती हैं।
इससे जुड़ी जिम्मेदारी और अन्य गतिविधियों को पूरा करने के लिए एचआई ने पूर्व भारतीय कप्तान आरपी सिंह को हाकी इंडिया मास्टर्स समिति का संयोजक और हरबिंदर सिंह को समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया है। बी पी गोविंदा, जगबीर सिंह, ए.बी. सुब्बैया, सुरिंदर कौर और एम रेणुका लक्ष्मी को समिति के सदस्य के रूप में नियुक्त किया है।
-- घरेलू मैदानों पर भी दिखेंगे भागते दौडते सीनियर्स
वैटर्नस के मैदान पर उतरने का अवसर हॉकी को पूर्णता प्रदान करेगा।सीनियर्स के अंतर्राष्ट्रीय टूर्नामेंटों में पदापर्ण करने के साथ ही घरेलू हॉकी फील्डों पर भी परिदृष्य बदलने वाला साबित होगा। अब महिला ,पुरुष दोनों ही वर्ग जूनियर्स,सीनियर और मास्टर्स या वैटरनस भी मैदानों में अपनी स्टिकों के साथ वॉल के पीछे दौड लगाते देखे जा सकेंगे।