सत्तर साल पहले 29 मई 1953 को सुबह 11.30 बजे, हिलेरी और तेनजिंग ने माउंट एवरेस्ट की चोटी पर झंडा लगाने वाले पहले पर्वतारोही के रूप में विश्व इतिहास रचा था। इस अवसर पर उनकी याद में तेनजिंग के बेटे जैमलिंग और एडमंड हिलेरी के बेटे पीटर संयुक्त रूप से नेपाल के लुकला में तेनजिंग हिलेरी हवाई अड्डे पर अपने पिताओं की मूर्तियों का उद्घाटन करेंगे और सिक्के जारी करेंगे। न्यूजीलैंड और हिलेरी स्कूल में एक कार्यक्रम के लिए रविवार को नेपाल के खुमजुंग में थे।शक्ति, संगठन, तप, अनुभव, भाग्य और दृढ़ संकल्प का संयोजन उनकी सफलता की कुंजी थी । ब्रिटिश माउंट एवरेस्ट अभियान के सदस्यों के रूप में हिलेरी और तेनजिंग ने पृथ्वी पर उच्चतम स्थान पर उस अंतिम शिखर कदम के साथ, चढ़ाई कर मानव शारीरिक क्षमता की ज्ञात सीमाओं से परे ऊंचाई और धीरज बाधाओं को तोड़ दिया। जॉन हंट के नेतृत्व में इस माउंट एवरेस्ट अभियान का आयोजन किया गया था।