--घाटों की हो मरम्मत,रिवर फ्रंट ब्यूटिफिकेशन को हो कार्य यमुना नदी मेंतैरता क्रूज:काश संभव हो सके।
चैंबर का सुझाव है कि यमुना नदी में यह क्रुज सेवा मथुरा और बटेश्वर के बीच शुरू की जाये। । चैम्बर की टूरिज्म सैल के -को चेयरमैन राहुल जैन ने कहा है कि वाराणसी में 'गंगा विलास ' क्रूज सेवा पर्यटकों के लिये स्थायी आकर्षण साबित हुई है।
चैंबर के अध्यक्ष राजेश गोयल ने 'टूरिज्म सैल ' की
अपेक्षाओं को दृष्टिगत इस संबध में मुख्यमंत्री आदित्यनाथ को एक पत्र लिखा है, इस पत्र में कहाहै कि उ0प्र0 टूरिज्म पॉलिसी 2022 के अन्तर्गत ब्रज क्षेत्र को आध्यात्मिक सर्किट के यूप में सरकार द्वारा चिन्हित किया गया है।मानसून का मौसम उपयुक्त
मानसून मौसम में 15 जुलाई से 15 सितम्बर के बीच ब्रज क्षेत्र में यमुना
नदी के जल स्तर में (ढाई मीटर) तक बढत्तरी हो जाती है फलस्वरूप इसी समय में प्रयोगात्मक रूप से यमुना रिवर क्रूज का संचालन करना व्यवहारिक रहेगा।
चैंबर के नेतृत्व कर्त्तओं का अनुमान है कि इस रिवर क्रूज माध्यम से श्रद्धालु एवं पर्यटक ब्रज क्षेत्र के महत्वपूर्ण मन्दिर, धार्मिक स्थल एवं पर्यटक स्थलों का दर्शन कर सकते हैं जिससे धार्मिक पर्यटन में बढोत्तरी होगी औररोजगार के नये अवसर भी सृजित हो सकेंगे।
घाटों की हो मरम्मत
श्री टूरिज्म सैल के -को चेयरमैन राहुल जैन सरकार से यह भी निवेदन किया है कि मथुरा, वृन्दावन, गोकुल एवं बटेश्वर में स्थित प्राचीन घाटों का जीर्णोद्धार एवं आगरा क्षेत्र में नदी तटिय घाटों का नव निर्माण कराया जाये जिससे वहां प्रतिदिन यमुना आरती जैसे कार्यक्रम आयोजित किये जा सकें।
प्रकोष्ठ चेयरमैन का कहना है कि पर्यटकों में यमुना नदी के प्रति धार्मिक भावना की बढोत्तरी होगी ,वहीं आम नागरिको में यमुना नदी की साफ सफाई को लेकर संवेदनशीलता में वृद्धि होगी जो कि केन्द्र सरकार और राज्य सरकार के यमुना एक्शन प्लॉन का मन्तव्य
है।
यह भी निवेदन किया गया है कि आगरा क्षेत्र में यमुना तट पर लखनऊ एवं अहमदाबाद के
तर्ज पर रिवर फ्रंट डवलपमेन्ट की योजना बनायी जाये जिससे यमुना नदी की साफ सफाई हो सके एवं विदेशी पर्यटकों में आगरा एवं भारत देश की बेहतरीन छवि बन सके ।
केन्द्रीय मंत्री भी नौवाहन के पक्षधर
यमुना नदी क्रूज पर्यटन की संभावनाओं को लेकर चैंम्बर की टूरिज्म सैल तो सोच विचार कर ही रही है,लेकिन केन्द्रीय परिवहन मंत्री श्री नितिन गडकरी तो सात साल सेएक मंत्री केरूप में सोचे हुए है,आगरा में हुई एक अपनी एक पार्टी रैली में इस पर विस्तार से प्रकाश भी डाल चुके है।देश के प्रस्तावित नेवीगेशन रूटों में आगरा से प्रयागराज(नैनी ब्रिज) को नौवाहन के उपयुक्त माना गया था । इसको रिवर नेवीगेशन रूटों की लिस्ट में कोई नम्बर भी दिया हुआ है।