5 मई 2023

चैम्‍बर ने आगरा के भूगर्भ जल का आधिकारिक डाटा मांगा

 – उद्यमी अपने कारखानों के क्षेत्र में करें वृक्षारोपण :राजेश गोयल
चैंबर ने वाटर हारवैस्‍टंग और बृक्षारोपण की चर्चा।
आगरा 5 मई: आगरा में किस क्षेत्र में कितना जलस्तर है। इसकी जानकारी भूगर्भ जल विभाग से मांगी जायेगी और उसी के अनुसार जलस्‍तर में सुधार के प्रयास होंगे ।यह निर्णय रेन वाटर हारवेस्टिंग एवं वृक्षारोपण प्रकोष्ठ के चेयरमैन गोपाल खण्डेलवाल की अध्‍यक्षता में हुई चैंम्‍बर की बैठक में लिया गया। मीटिंग में मौजूद चैंबर के अध्‍यक्ष राजेश गोयल ने कहा कि जलसंरक्षण सबसे बडी सामायिक आवश्‍यकता है।इसके लिये बृक्षारोपड कर हरियाली अच्‍छादन का विस्‍तार बससे महत्‍वपूर्ण है।उन्‍होने कहा कि जलसंचय, जल के दुरुपयोग को रोकने, तालाबों को कब्जा मुक्त करने के लिये प्रशासन तेजी के साथ आवश्यक कार्यवाही की जायें।

नदी की सफाई

श्री गोयल ने कहा कि यमुना नदी आगरा

का सबसे महत्‍वपूर्ण जलस्‍तोत है  किन्तु नदी अपने बहाव क्षेत्र 91 प्रतिशत भाग में केवल 1.3 मीटर गहरी रह गयी है। अगर समय रहते इसकी सफाई नहीं करवायी गयी तो इसकी भूगर्भ क्षमता नाममात्र की भी नहीं रह जायेगी।

पूर्वअध्यक्ष मनीष अग्रवाल ने कहा कि वृक्षारोपण की शुरुआत अपने घर, कॉलोनी, फैक्ट्री से की जाये। प्रत्येक सदस्य अपने-अपने निवास व कार्यक्षेत्र में कम से कम 5 वृक्ष नगाये तथा उसकी देखभाल की जिम्मेदारी भी उठायें। 

खेत का पानी खेत में रोके
मानसून से पूर्व जल भंडारण को बने योजना
वरिष्‍ठ अधिवक्ता के. सी. जैन ने कहा कि भूगर्भ जल पर पूरे समाज का अधिकार है। अतः भूगर्भ जल का दोहन आवश्यक रुप से ही किया जाये। घर का पानी घर में और खेत का पानी खेत में रुके। यह प्रणाली अपनानी चाहिए। अगर इस ओर ध्यान नहीं दिया गया तो आने वाली पीढ़ी की आंखों में ही पानी दिखेगा। पत्रकार राजीव सक्सेना ने कहा कि आगरा को पर्यावरण एवं वन मंत्रालय प्रबंधित वेटलैंड की आवश्यकता नहीं है, सिंचाई विभाग के प्रबंधित जलाशयों  ( reservoir) की आवश्यकता है।आगरा के नजदीकी 

आगरा के नजदीकी  राजस्थान के जनपदों जलप्रबंधन की स्‍थितियां बैहतर हुई हैं।फलस्‍वरूप आने वाले पानी की बडी मात्रा संचय को उपलब्‍ध होगी।   

 रेनवाटर हार्वेस्‍टिंग प्रभावी  हो

 वरिष्‍ठ  अधिवक्ता अनिल गोयल (पर्यावरण मित्र) ने कहा कि जल संचय एवं वृक्षारोपण हेतु छोटे-छोटे प्रयास ज्‍यादा जरूरी हैं। जहां खाली स्‍थान देखें वहीं पर पेड़ लगायें। उन्‍हाेंने कहा कि आगरा विकास प्राधिकरण पर दवाब बनाया जाये और रेन वाटर हारवेस्टिंग संरचना की भवन निर्माण में अनिवार्यता संबधी कानून को प्रभावी ढंग से लागू करवाया जाये। मीटिंग में कहागया कि  आगरा के चारों ओर पर्याप्त जल है किन्तु इसके बावजूद प्रबन्धन न होने से जलस्तर प्रतिवर्ष गिरता जा रहा है। इस पर एक विजन डॉक्यूमेंट बनें। शहर के सभी पार्कों में वर्षा जल को संचय करने की व्यवस्था बनें।

सिटी फारैस्‍ट बिलायती बबूल से मुक्‍त हो

मीटिंग में प्रस्‍ताव पारित कर आगरा में सिटी फारैस्‍ट योजना को लागू किया जाना महत्‍वपूर्ण निर्णय माना गया और प्रशासन से जानकारी  मांगी गयी कि ककरेंठा में 700 एकड़ भूमि पर विकसित किये जा रहे इस प्रस्‍तावित सिटी फारैस्‍ट में पूर्व में लगे वृक्ष किस प्रजाति के हैं और उनका क्या होगा।यहां ज्‍यूली फ्लोरा की बहुलता में मौजूदगी पर चिंता जतायी गयी तथा इनकी सफाई (Uprooting) कर चौडी पत्‍ती के पेड लगाये जाने पर बल दिया गया।

बैठक का संचालन प्रकोश्ठ चेयरमैन गोपाल खंडेलवाल तथा धन्यवाद ज्ञापन पूर्वअध्यक्ष मनीश अग्रवाल ने किया। उपाध्यक्ष अनिल अग्रवाल, उपाध्यक्ष मनोज बंसल, प्रकोश्ठ चेयरमैन गोपाल खंडेलवाल, पूर्वअध्यक्ष मनीश अग्रवाल,, सुषील बंसल, नीरज गुप्ता, मनीश बंसल, महेष वाषर्णय, संजय गोयल आदि भी मीटिंग में उपस्थित थे।