--शासन की उच्चस्तरीय टीम ने किया सींगना आलू बीज उत्पादक फार्म का निरीक्षणआलू इंटरनेशनल रिसर्च इंसटीट्यूट का सींगना फार्म में
केन्द्र खोलने की संभावना तलाशने आया अध्ययन दल।
आगरा :प्रदेश के सबसे बडे आलू उत्पादक मंडल के आगरा जनपद में अंतर्राष्ट्रीय आलू उत्पादक शोध संस्थान की शाखा स्थापित की जायेगी। आगरा जनपद के राजकीय आलू फार्म सींगना में यह केन्द्र बनेगा। इसके लिए तमाम शीर्ष स्तर के भारत और राज्य सरकार के अधिकारी पिछले हफ्ते डीडीजी हार्टीकल्चर डा. एके सिंह, भारत सरकार केअधिकारी पिछले हफ्ते डीडीजी हार्टीकल्चर डा. एके सिंह, भारत सरकार के मिशन डायरेक्टर मनोज कुमार, डायरेक्टर सीआईपी (एशिया) डा. मोहंती, उत्तर प्रदेश के उद्यान निदेशक डा.आर के तोमर आगरा आकर मीटिंग और स्थलीय निरीक्षण कर चुके हैं।
उपनिदेशक उद्यान कौशल कुमार इस निरीक्षण दौरे में बतौर मेजबान मौजूद थे । निरीक्षण दल ने सींगना की जमीन को आलू शोध संस्थान के लिये उपयुक्त माना है। अब इस संबंध में एक उच्च स्तरीय बैठक दिल्ली में होगी। जिसमें इस संबंध में फैसला लिया जाएगा। यह समिति अपनी रिपोर्ट कृषि सचिव भारत सरकार को देगी। तब उनके स्तर से इस संबंध में फैसला लिया जाएगा।
आलू कृषकों के लिये लाभकरी
उपनिदेशक उद्यान कौशल कुमार ने बताया कि यह अंतरराष्ट्रीय केंद्र अगर ताजनगरी में स्थापित हो जाता है तो इससे आगरा ही नहीं बल्कि आसपास के जिलों के आलू किसानों के लिए वरदान साबित होगा। उन्हें विश्व भर में उगाये जाने वाले आलू बीज की प्रजातियां आगरा में ही मिलने लगेंगी।जो कि एक्सपोर्ट क्वालिटी की होंगी। इससे स्तरीय आलू की पैदावार आगरा में होने लगेगी। इस आलू को आसानी से विदेश में निर्यात
किया जा सकेगा।विश्व के दो बडे उत्पादकों में 'भारत' आगरा है देश का प्रमुख आलू उत्पादक केन्द्र।
आगरा आलू हैयहां की अपनी ब्रांड।
वैश्विक परिप्रेक्ष्य में चीन के पश्चात द्वितीय सर्वाधिक आलू उत्पादक देश है। भारत में लगभग 21 लाख हैक्टेयर क्षेत्रफल में आलू का उत्पादन होता है। उत्तर प्रदेश भारत का सर्वाधिक आलू उत्पादक राज्य है तथा यहाँ पर लगभग 6.15 लाख हैक्टेयर क्षेत्रफल में आलू का उत्पादन होता है।उत्तर प्रदेश में उत्पादित आलू के निर्यात की असीम सम्भावना है किन्तु निर्यात हेतु उपयुक्त प्रजातियों के उपलब्ध न होने के कारण यहाँ से आलू का निर्यात नहीं हो पाता है।
कृषकों की आय में वृद्धि करने के लिए आवश्यक है कि उनको उच्चगुणवत्तायुक्त, रोगमुक्त, प्रसंस्करण व निर्यात के लिए अनुकूल प्रजातियाँ एवं गुणवत्तायुक्त बीज उचित मूल्य पर आवश्यक मात्रा में उपलब्ध कराया जा सके। वर्तमान में केन्द्रीय आलू अनुसंधान संस्थान देश में आलू पर अनुसंधान करने वाली अकेली संस्था है। यद्यपि केन्द्रीय आलू अनुसंधान संस्थान ने उच्च उत्पादन वाली विभिन्न आलू प्रजातियों को विकसित किया है तथापि प्रदेश में अभी भी प्रसंस्करण एवं निर्यात योग्य आलू प्रजातियों का अत्यन्त अभाव है। उच्च गुणवत्तायुक्त आलू बीज की माँग व पूर्ति में काफी अन्तर होने के कारण क्षेत्र के कृषकों एवं स्थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा बुवाई के समय आलू बीज की भारी मात्रा में मांग की जाती है जिसकी आपूर्ति सम्भव नहीं हो पाती है।
अन्तरराष्ट्रीय आलू केन्द्र, पेरू, साउथ अमेरिका विश्व में आलू पर अनुसंधान करने वाला सर्वोच्च संस्थान है ।यह संस्थान वर्ष 1971 से इस क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य कर रहा है अन्तरराष्ट्रीय आलू केन्द्र की दक्षिण एशिया में कोई अनुसंधान शाखा नहीं है। अतः विश्व के द्वितीय सर्वाधिक आलू उत्पादक देश भारत में अन्तरराष्ट्रीय आलू अनुसंधान केन्द्र की शाखा खोली जानी नितान्त आवश्यक है। आलू उत्पादक कृषकों की उन्नति हेतु अन्तरराष्ट्रीय आलू केन्द्र की महत्ता को देखते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा योगी आदित्यनाथ ,कृषि मंत्री , कृषि सहकारिता एवं किसान मंत्रालय से अन्तरराष्ट्रीय आलू अनुसंधान केन्द्र की एक शोधशाखा प्रदेश में स्थापित किये जाने हेतु अनुरोध किया जाता रहा है।
प्रदेश का एक तिहाई आलू उत्पादन
आगरा मण्डल प्रदेश का सर्वाधिक आलू उत्पादक मण्डल है। इस मण्डल में प्रदेश के कुल आलू उत्पादन का लगभग एक तिहाई आलू उत्पादित होता है। प्रदेश का अधिकतम आलू आगरा मण्डल एवं आगरा मण्डल के नजदीकी मण्डल यथा अलीगढ एवं कानपुर में होता है ।आगरा मण्डल के जनपद आगरा की जलवायु व मिट्टी आलू उत्पादन के लिए अत्यन्त उपयुक्त है। जनपद आगरा में राजकीय आलू प्रक्षेत्र, सींगना में अन्तरराष्ट्रीय आलू अनुसंधान केन्द्र की शाखा खोले जाने हेतु पर्याप्त राजकीय भूमि उपलब्ध है। यह प्रक्षेत्र आगरा मथुरा राष्ट्रीय राज्य मार्ग-2 पर जनपद आगरा से लगभग 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
अन्तरराष्ट्रीय आलू केन्द्र की शोध शाखा खुलने से होने वाले लाभ :-
--विश्व की दुलर्भ एवं सर्वश्रेष्ठ आलू किस्मों के जर्म प्लाज्म की सहजतापूवर्क उपलब्धता एवं श्रेष्ठतम आलू प्रजातियों का विकास।
-- आलू की उच्च उपज वाली, निर्यात व प्रसंस्करण योग्य, जलवायु के अनुकूल, रोगों व कीटों से प्रतिरोधक, पोषक तत्वों से भरपूर एवं लम्बे समय तक संग्रहण योग्य प्रजातियों के विकास में सहायता
-- औषधीय गुणों से युक्त (बायोफोर्टिफाइड) एवं रंगीन आलू को उत्पादन करने में सहायता ।. नवीन प्रसंस्करण योग्य प्रजातियों का विकास से वृहद एवं लघु स्तर पर खाद्य प्रसंस्करण की इकाईयों की स्थापना।
-- देश के दूरस्थ दक्षिण एवं पूर्वोत्तर राज्यों हेतु परिवहन योग्य प्रजातियों के विकसित होने से यहां के नागरिकों को उचित मूल्य पर आलू की उपलब्धता एवं पोस्ट हार्वेस्ट क्षति को कम किये जाने में सहायता -- उच्च गुणवत्तायुक्त बीज उत्पादन हेतु कृषकों को अन्तराष्ट्रीय स्तर का प्रशिक्षण दिया जाना सम्भव होना। आलू उत्पादक कृषकों की आग में वृद्धि एवं उनके जीवन स्तर में अपेक्षित सुधार होगा।
--आलू के विपणन की व्यापक संभावनाये
आगरा आलू अंतर्रारूट्रीय बाजार में अपनी अलग पहचान रखता है, आलू आधारित उत्पाद का कारोबार करनेवाली कंपनियों के द्वारा यहां के आलू को हाथों हाथ लिया जाता है,यहां की मांग को लेकर ही महाराष्ट्र,गुजरात के लिये पैनेशेबिल औद्यानिक उत्पादों को लेजाने वाली स्पेशल बैगनों से युक्त रेल रैक के रूट से आगरा को जोडा गया था। कंटेनर कार्पोरेशन के यमुना किनारा रेलवे स्टेशन पर स्थित टर्मिनल पर इसके लिये खास व्यवस्था की गयी थी।किन्तु आलू कारोबारियों की आपसी प्रतिस्पर्धा ने इसे ज्यादा समय चलने नहीं दिया।
आगरा सिविल एन्कलेव संभवत:प्रदेश का अकेला एयरपोर्ट है,जहांसे कृषि एवं बागवानी उत्पादों को लानेलेजाने केलिये एयरकार्गो प्रावीजन है,किन्तु अबतक इसका उपयोग आलू कृषक नहीं कर सके हैं।आगरा से सेना के सीमांत तैनाती स्थलों केलिये भी बडी मात्रा में आलू की खरीद होती है।यह बात अलग है कि आलू कृषकों को इसका लाभ नहीं मिलपाता है।