23 अक्तूबर 2023

आगरा कॉलेज की कहानी 200 वर्ष पुरानी

 

आगरा कॉलेज  की स्थापना 1823 में अपने समय के प्रसिद्ध संस्कृत विद्वान  गंगाधर शास्त्री द्वारा की गई थी। कॉलेज की शुरुआत में, हेवेट और थॉम्पसन नामक दो बड़े छात्रावास थे। आगरा कॉलेज ने बड़ी तेज़ी से  भारत के कोने कोने  से छात्रों को आकर्षित किया। कई समुदाय ने अपने समुदाय के छात्रों की सुविधा के लिए छात्रावास बनाये , जैसे कि भार्गव छात्रावास, चौबे छात्रावास, कायस्थ छात्रावास और वैश्य बोर्डिंग हाउस। ये छात्रावास सारी सुविधाओं से परिपूर्ण थे। इन छात्रावासों में  वॉलीबॉल और बास्केटबॉल कोर्ट के अलावा एक टेनिस कोर्ट तथा एक बड़ा मनोरंजन हॉल भी था, जहाँ समय-समय पर समारोह आयोजित किए जाते थे।

1947 तक, आगरा कॉलेज में प्रिंसिपल पद पर हमेशा एक प्रतिष्ठित अंग्रेज़ व्यक्ति ही होता था। विभागाध्यक्ष के पद पर प्रतिष्ठित प्रोफेसर एवं विद्वान आसीन थे। इस कॉलेज का कानून संकाय भारत में सर्वश्रेष्ठ में से एक था। अत्यधिक कुशल शिक्षण स्टाफ का लाभ उठाने के लिए, लाहौर, कराची, पेशावर, मद्रास (अब चेन्नई) और कोचीन (अब कोच्चि) तक के छात्रों ने इस कॉलेज में अपनी पढ़ाई की।