22 दिसंबर 2023

उटंगन की टेल पर बांध बनाकर डाउन स्ट्रीम से पहुंचने वाले यमुना के उफान को संचित किया जाये

--रेहावली में बांध से बटेश्वर में नहान दिवसों पर पहुंचाया जा सकता है स्वच्छ जल

श्रीमती मंजू भदौरिया
अध्यक्ष  पंचायत ,आगरा

(राजीव सक्सेना) आगरा: मानसून कालीन पानी को संचित करने की दृष्टि से जनपद की सबसे महत्वपूर्ण उटंगन नदी की रेहवाली स्थित टेल पर रैग्युलेटर और सेलुस गेट युक्त बांध बनवाया जाये,जिससे कि नदी में यमुना के ऊनने से पहुंचने वाले अरबों घन मीटर पानी का संचय किया जाना संभव हो।यह मांग जिलापंचायत अध्यक्ष श्रीमती मंजू भदौरिया के द्वारा मुख्य मंत्री योगी आदित्य नाथ से की जायेगी। उन्होंने कहा है कि अगर प्रस्तावित बांध को बनाया जाना संभव हो सका तो इसमें संचित जल से विशेष पर्वों ,स्नान तिथियों को बटेश्वर धाम को भी स्नानार्थियों को यमुना नदी में निर्मल जल प्रचुर मात्रा में उपलब्ध करवाया जाना संभव होगा।

--बाह-पिनहाट-फतेहाबाद के लिये है उपयोगिता

श्रीमती भदौरिया से कहा है कि इस बांध बनने से जहां मानसून काल में यमुना के उटंगन में पहुंचे ऊफान को संचित किया जा सकेगा वहीं अरनौटा के अपस्ट्रीम से नदी में पहुंचने वाली जगनेर की बंधियों की जलराशि सहित अन्य स्त्रोतों से आये पानी को भी संचित

किया जा सकेगा।
विचारणीय योजना के अनुसार बांध बनजाने से संचित विपुल जलराशि का उपयोग बाह तहसील के पिनहाट बाह विकास खंडों और फतेहाबाद तहसील के फतेहाबाद विकास खंड गांवों के भूगर्भ  जल के रिचार्ज को दृष्टिगत अत्यंत महत्वपूर्ण है। भूजल रिचार्ज का आधार जलभृत व्यवस्था (Aquifer) है और वह उटंगन नदी के पानी पर ही आधारित है।जलाशय से सूख चुकी  जलभृत प्रणाली को सुधारा जा सकेगा वहीं पंप से लिफ्ट कर फतेहाबाद कस्बे और शमाशाबाद कस्बे तक ले जायी जा सकती है।

--उटंगन में सात कि मी तक बैक मारती है यमुना

उटंगन बांध से छै घंटे में बटेश्वर घाट तक पहुंच
 सकता है निर्मल जल।
दरअसल उटंगन नदी में जलसंचय के लिये अपस्ट्रीम से आने वाले पानी से कहीं बडी जलराशि यमुना नदी के बैक मारेने के कारण उपलब्ध होती है। जिसे कि केवल गेटिड स्ट्रैक्चर वाले डैम बनकर ही संचित किया जा सकता है ! उटंगन नदी रेहवली (फतेहाबाद तहसील ) और रीठे गांव(बाह तहसील ) के बीच यमुना नदी में समाती है। जब भी आगरा में यमुना नदी लो फ्लड लेविल पार करती है उटंगन नदी में यमुना का पानी 6-7 कि मी तक बैक मारता है।यह विपुल जलराशि (लगभग दो अरब घन मीटर) होती है,जिसे कि गेटिड स्ट्रक्चर बनाकर पूरे साल रोका जा सकता है। रोका गया यह पानी जहां बाह तहसील गांवों के एक्युफर रिचार्ज के लिये उपयोगी है,जरूरत पडने पर डिसचाज्र कर बटेश्वर के घाटों तक ताजा पानी उपलब्ध करना संभव होगा। रेहवली से उटंगन नदी के नगला बहारी तक पहुंचने वाली द जलराशि का संचय पानी की किल्लत से जूझते आगरा जनपद के बाह और फतेहाबद तहसील के गांवों के लिये अत्यंत उपयोगी है।

 --गिरते जलस्तर के सुधार को उटंगन की उपेक्षा रोकनी होगी

ऊफनती उटंगन में रेहवली गांव में सिविल सोसायटी आगरा 
जर्नरल सैकेट्री अनिल शर्मा आदिफोटो:असलम सलीमी
नागरिक सुविधाओं में सुधार और उनके उच्चीकरण की मांग को लेकर सिविल सोसायटी आगरा अनवरत रूप से सक्रिय है।सोसायटी की ओर  से जिलापंचायत अध्यक्ष को बताया गया है कि अंतर्राज्यीय नदी होने के बावजूद उटंगन नदी के स्वाभाविक जल प्रवाह को राजस्थान इरीगेशन विभाग के द्वारा बाधित कर रखा गया है। आगरा जनपद में नदी का पानी पहुंचने का मुख्य माध्यम

खनुआ बांध को खारिज समकक्ष स्थिति में रख छोडा है। वहीं रही सही कसर प्रदेश के सिंचाई विभाग के  सिंचाई कार्य तृतीय बृत्त के निचला खंड आगरा नहर के तंत्र की उदासीनता हो गयी है।उ प्र के हितो को प्रभावित करने वाले कार्यों को रुकवाने का प्रयास तो दूर प्रशासन और शासन तक को इनकी जानकारियां नहीं दी गयी हैं।

--चैकडैम बेअसर और अनुपयोगी

उटंगन और उसकी मुख्य सहायक खारी नदी पर सिंचाई विभाग की सहमति से लघु सिंचाई विभाग के द्वारा बनाये गये चैकडैम मानसून कालीन पानी थामने में उनुपयोगी साबित हो चुके हैं। करोडो की राशि खर्च कर बनाये गये इन चैकडैमों में से शायद ही कोयी एसा हो जो कि सिल्ट से भरा नहीं हो।