स्विट्जरलैंड के शिखर सम्मेलन में संयुक्त विज्ञप्ति में 80 देशों ने सहमति व्यक्त की कि यूक्रेन की 'क्षेत्रीय अखंडता' किसी भी शांति समझौते का आधार होनी चाहिए।
भारत ने शांति सम्मेलन में कूटनीति और संवाद के जरिए संघर्ष का समाधान तलाशने की अपनी पुरानी नीति को कायम रखते हुए जारी सम्मेलन में संयुक्त वक्तव्य और संबंधित दस्तावेजों पर हस्ताक्षकर करने से इनकार कर दिया । इस शिखर सम्मेलन में अस्सी देशों ने संयुक्त रूप से आह्वान किया कि रूस के युद्ध को समाप्त करने के लिए किसी भी शांति समझौते का आधार यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता होनी चाहिए, हालांकि कुछ प्रमुख विकासशील देश इसमें शामिल नहीं हुए।
इस दो दिवसीय सम्मेलन का समापन किया, जिसमें रूस की अनुपस्थिति थी, जिसे आमंत्रित नहीं किया गया था, लेकिन कई उपस्थित लोगों ने आशा व्यक्त की कि वह शांति के रोडमैप पर शामिल हो सकता है। सम्मेलन में 100 प्रतिनिधिमंडल, जिनमें से अधिकांश पश्चिमी देश थे, लेकिन कुछ प्रमुख विकासशील देश भी थे, सम्मेलन में उपस्थित थे।