2 फ़रवरी 2025

आगरा के पेठे की पवित्र प्रसाद के रूप में रही स्वीकृोक्ति

--आगरा व्यापार मंडल के सदस्य पेठा करोबारियों की ओर से भेजा था प्रयागराज कुंभ को

 आगरापेठा ताज सिटी की अपने आप में विशिष्ठ पहचान है,प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ में आगरा व्यापार मंडल की ओर से भेजा गया पेठा जिन जिन अखाडों और संत समागम परिसरों में पहुंचा अपनी सरस मिठास से अभिभूत कर गया।बताते हैं कि एक बार जिसने भी पेठे का स्वाद लिया उसे दुबारा स्वाद लेने का भी प्रयास किया।

महाकंभ को आगरा के पेठे का उपहार । फोटो:असलम सलीमी

हालांकि पेठा ठेठ देसी मष्ठान है, लेकिन फिर भी देश के विभिन्न प्रांतों से पहुंचे श्रद्धालुओं में से तमाम एसे थे,जिन्होंने पेठे का पूर्व में कभी स्वाद नहीं चखा था।श्रद्धालुओं में शुद्ध शाकाहारी मिष्ठान होना इसका मुख्य आकर्षण था।मकर संक्राति पर्व के बाद पेठा लगातार मांग में रहा।

पेठा आगरा का मुख्य उत्पाद है और यहीं के नाम से उसकी विशिष्ठ पहचान है,इस लिये उसे चाहें कहीं से भी लेजाकर प्रयागराज में उपलब्ध करवाया गया हो आगरा का पेठा ही बताया गया।कुंभ महापर्व में एक बार शुरू हुई पेठे की मांग का सबसे ज्यादा फायदा

कानपुर और अकबरपुर जनपदों के पेठा विक्रेताओं को हुआ। हालांकि यह भी बिका आगरा का पेठा के नाम से ही।

--प्रसाद उपहार

दर असल महाकुंभ में पेठा खपत की शुरूआत आगरा व्यापार मंडल के द्वारा कुंभ के संतों और महामंडलेश्वरों के लिये भेजे गये पेठा उपहार से हुई। मंडल के वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजेश अग्रवाल ने मौलिक सूझ के अनुसार मंडल की ओर से यह भेजा था। श्री अग्रवाल जो कि खुद नूरी दरबाजा पेठा बाजार में पेठा प्रतिष्ठान प्राचीन पेठाके संचालक हैं,को पेठे के बारे में सूक्ष्म से सूक्ष्म जानकारियां हैं। इसी लिये जो पेठा प्रयागराज भेजा गया था,वह भले ही भार में पांच सौ किलो ही हो लेकिन 21 किस्मों का होना अपने आप में एक आकषर्ण रहा। प्रसाद उपहार के रूप में भेजे गये इस पेठे की पैकिंग उसके सहज वितरण और हैंडलिंग को दृष्टिगत किया गया।

--पहला अवसर

आगरा व्यापार मंडल के अध्यक्ष टी एन अग्रवाल ने कहा है कि पेठा महाकुंभ में पहलीबार पहुंचा है,क्यों कि 144 साल पहले 1888 तक इलहाबाद यात्रा आसान नहीं थी। नहीं आगरा का पेठा उत्पादन मौजूदा ऊंचाईयों तक पहुंच पाया था। अब तो एक जनपद एक उत्पाद योजना के तहत यह आगरा के उत्पाद के रूप में अपनी विशिष्ठ पहचान बना चुका है। इसका कारण वह इसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सूझ को मानते हैं।

-- काश यमुना जल मिल सके    

आगरा व्यापार मंडल अध्यक्ष आगरा के कारोबारियों के प्रत्यक्ष हितों के प्रति सचेत रहने के साथ ही उन तमाम अपरोक्ष नागरिक सरोकारों के प्रति भी प्रतिबद्ध हैं,जो कि सामान्य नागरिक हितो से भी जुडे हुए हैं।इनमें ही यमुना नदी का प्रदूषण रहित पानी से भरपूरता के साथ अविरल प्रवाह की सुनिश्चितता भी  शामिल है।श्री अग्रवाल बताते हैं कि  अध्यक्ष के रूप में पेठा उत्पादकों की यह धारणा मालूम है कि प्रदूषण रहित यमुना जल की उपलब्धता से पेठा और अधिक बैहतर हो सकता है। लेकिन अब शुद्ध और जन स्वास्थ्य उपयुक्त पानी के लिये अन्य उपलब्ध विकल्पों का इस्तेमाल करना पडा रहा है।उपयुक्त अवसर पर वह इस जरूरत को सरकार के समक्ष रखेंगे।

--दूर दराज पहुंचे पेठे का स्वाद

 अध्यक्ष टी.एन.अग्रवाल, उपाध्यक्ष राजेश अग्रवाल,  राजीव गुप्ता, दुष्यंत गर्ग,राजेन्द्र  गुप्ता नंदकिशोर गोयल आदि ने उम्मीद जताई है कि मां गंगा के आर्षीवाद से यमुना तटीय महानगर आगरा का पेठा उत्पाद आने वाले समय में और अधिक प्रसद्धि प्राप्त कर देश के दूर दराज क्षेत्रों में रहने वाले उन लोगों की भी पसंद बनेगा,जो किसी किसी कारण से इसका स्वाद नहीं ले सके हैं।