नई दिल्ली-आधार संख्या धारकों द्वारा 2024-25 में 2,707 करोड़ से अधिक प्रमाणीकरण लेनदेन किए जाने से इसकी बढ़ती लोकप्रियता और उपयोगिता का स्पष्ट संकेत मिलता है, जिसमें अकेले मार्च में 247 करोड़ ऐसे लेनदेन शामिल हैं।
आधार डिजिटल अर्थव्यवस्था का एक सक्षमकर्ता रहा है और इसका बढ़ता उपयोग बैंकिंग, वित्त, दूरसंचार सहित विभिन्न क्षेत्रों में इसकी बढ़ती भूमिका को दर्शाता है और विभिन्न सरकारी योजनाओं और सेवाओं के तहत लाभों के सुचारू वितरण के लिए भी इसका उपयोग बढ़ रहा है।
मार्च 2025 में प्रमाणीकरण लेनदेन की कुल संख्या (246.75 करोड़) पिछले वर्ष की इसी अवधि के साथ-साथ फरवरी 2025 में किए गए लेनदेन से अधिक है। स्थापना के बाद से, प्रमाणीकरण लेनदेन की संचयी संख्या 14,800 करोड़ से अधिक हो गई है।
यूआईडीएआई द्वारा विकसित एआई/एमएल आधारित आधार फेस ऑथेंटिकेशन समाधानों में उल्लेखनीय वृद्धि देखी जा रही है। मार्च में 15 करोड़ से ज़्यादा ऐसे लेन-देन हुए, जो इस बात का संकेत है कि
इस प्रमाणीकरण पद्धति का उपयोग बढ़ रहा है, इसे अपनाया जा रहा है और यह आधार संख्या धारकों को किस तरह से सहज रूप से लाभ पहुँचा रहा है। सरकारी और निजी क्षेत्र में 100 से ज़्यादा संस्थाएँ लाभ और सेवाओं की सुचारू डिलीवरी के लिए फेस ऑथेंटिकेशन का इस्तेमाल कर रही हैं।21 अप्रैल को, UIDAI को लोक प्रशासन में उत्कृष्टता के लिए प्रतिष्ठित प्रधानमंत्री पुरस्कार मिला। यह UIDAI के फेस ऑथेंटिकेशन पद्धति के लिए नवाचार श्रेणी के तहत प्रदान किया गया।
आधार ई-केवाईसी सेवा बैंकिंग और गैर-बैंकिंग वित्तीय सेवाओं सहित क्षेत्रों में ग्राहक अनुभव को बेहतर बनाने और व्यापार करने में आसानी को जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।